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डूबी उद्धव की लुटिया, शिंदे और फडणवीस के बीच हुई गुपचुप मुलाकात, अमित शाह के भी मौजूद होने की खबर, अब तो….

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में जारी उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। अभी तक किसी भी प्रकार के निदान की राह प्रशस्त होती हुई नजर आ नहीं आ रही है। स्थिति कि जटिलता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि पहले यह रार मुख्यमंत्री की कुर्सी तक ही सीमित थी, लेकिन अब यह शिवसेना के असली पितामह तक पहुंच चुकी है। अब लड़ाई इस बात पर पहुंच चुकी है कि आखिर शिवसेना का असली बादशाह कौन है? उधर, अब यह सियासी रार हिंसात्मक भी हो चुकी है। बता दें कि उद्धव गुटों के समर्थकों द्वारा शिंदे गुटों के नेताओं के घरों और कार्यालयों को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, बीते दिनों एनसीपी प्रमुख शरद पवार संग हुई बैठक के उपरांत उद्धव साफ कर चुके हैं कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं, बल्कि वे विधानसभा परीक्षण का सामना करने के लिए तैयार हैं। वे अंत तक लड़ते रहेंगे। वहीं, आज हुई कार्यकारिणी की बैठक में शिंदे गुट को बालासाहब ठाकरे के नाम से पार्टी गठन को लेकर चेता दिया है। बहरहाल, अब ऐसे में महाराष्ट्र में जारी सियासी रार क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे जानकर सीएम उद्धव सकते में आ सकते हैं।  आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
Maharashtra Political Crisis CM Uddhav Thackeray Live PC And Answer To Eknath Shinde | Uddhav Thackeray : आपल्यासोबत कोणी नाही असं समजून नवी शिवसेना उभी करा; उद्धव ठाकरे यांच्या ...
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दरअसल, खबर आई है कि रात में गुपचुप तरीके से महाराष्ट्र में बीजेपी संग गठबंधन की नौका पर सवार बनाने की मंशा के साथ बागी विधायकों के रहनुमा एकनाथ ने गुजरात में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से गुपचुप मुलाकात की है, जिसमें कथित तौर पर उनके बीच प्रदेश में सरकार बनाने के संदर्भ में वार्ता हुई है। इतना ही नहीं, कथित तौर पर इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी मौजूद होने की खबर सामने आई है, लेकिन अभी शाह के मौजूद होने को पुष्ट नहीं माना जा रहा है, लेकिन इतना जरूर है कि फडणवीस और शिंदे के मुलाकात की खबर पक्की है।
बता दें कि रात में गुपचुप तरीके से शिंदे इधर गुवाहाटी से रूखसत हुए और उधर फडणवीस मुंबई से। अब ऐसे में उद्धव के लिए खतरे की घंटी है। बता दें कि शिंदे गुट में लगातार बागी विधायकों की संख्या में तेजी देखने को मिल रही है। ऐसे में अगर शिंदे गुट बीजेपी संग हाथ मिलाने के लिए तैयार होता है, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति का सर्वाधिक निर्णायक मोड़ होगा।
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