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Russia-Ukraine Crisis: अगर पुतिन अपने आपको मारना चाहते हैं तो इसके लिए..; जारी जंग के बीच यूक्रेनियन राजदूत का आया ऐसा बयान!

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नई दिल्ली। रूस द्वारा यूक्रेन पर लगातार हमले से पूरा विश्व चिंतित है। पुतिन के शासन में रूस एक नया इतिहास लिख रहा है, इस इतिहास में खून-खराबे से कोई परहेज नहीं दिखाया जा रहा है। जो भी किया जा रहा है, डंके की चोट पर किया जा रहा है। विश्व का सर्वाधिक शक्तिशाली देश अमेरिका भी इस बात को मूक दर्शक बने हुए देख रहा है। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले को कुछ लोग पश्चिमी देशों की प्रभुता के खिलाफ लड़ी जा रही जंग के तौर पर भी देख रहे हैं। सोवियत रूस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के मकसद से 1949 में निर्मित किया गया नाटो संगठन (NATO) आज भी रूस समेत तमाम पूर्वी देशों के खिलाफ अपनी लामबंदी को जारी रखे हुए है, और रूस इसी से बहुत चिंतित था। उसे अपनी सुरक्षा की चिंता थी, क्योंकि उसके पड़ोस यूक्रेन में भी पश्चिमी देश अपने विस्तार को लेकर लगातार गतिशील थे। रूस इस खतरे से भली-भांति वाकिफ था, और उसके अनुसार यूक्रेन पर हमले के सिवा उसके पास अब और कोई चारा बचा नहीं था। हालांकि, इस युद्ध को भड़काने में अमेरिका सहित कई पश्चिमी देश भी शामिल रहे, और मौजूदा हालात ये हैं कि रूस बनाम यूक्रेन युद्ध गतिशील है, और यूक्रेन के कई शहरों में रूस द्वारा लगातार बमबारी जारी है। जंग के चलते स्थिति अब बद से बदतर होती जा रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए सोमवार को यूनाइटेड नेशन जेनेरल असेंबली(UNGA) में बैठक बुलाई गई थी, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्सिया ने रूस के इस आक्रमण की तुलना दूसरे विश्वयुद्ध से की, और पुतिन की तुलना एडोल्फ हिटलर से की। इसके अलावा सर्गेई ने ऐसी बात भी कही जो जारी जंग के बीच रूस को और भड़काने वाला हो सकता है, आइए जानते हैं और क्या कहा उन्होंने..

अगर वो (पुतिन) अपने आपको मारना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए परमाणु हथियार की जरूरत नहीं होगी’ – सर्गेई किस्लित्सिया

यूनाइटेड नेशंस में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्सिया ने रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण की तुलना दूसरे विश्वयुद्ध से और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तुलना जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर से करते हुए कहा कि- ‘अगर पुतिन अपने आपको मारना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें परमाणु हथियार की जरूरत नहीं होगी। अप्रैल 1945 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन के बंकर में एक व्यक्ति ने जो किया था, वही उन्हें भी करना चाहिए।’ इसके अलावा सर्गेई ने अपने संबोधन में रूस के लिए ‘The Third Reich’ शब्द का भी इस्तेमाल किया, आपको बता दें कि ये शब्द हिटलर के नाजी सैनिकों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

अप्रैल 1945 में हिटलर ने कर ली थी आत्महत्या

मालूम हो कि 1 सितंबर 1939 को जब जर्मन सेना पोलैंड में घुसी थी, तो इसके साथ ही दुनिया युद्ध के लिए दो भागों में बंट गई थी, यानी दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी थी। इसके बाद हिटलर की सेना लगातार यूरोपीय देशों पर कब्जा करती गई और जोश-जोश में उसने सोवियत रूस को भी निशाना बना लिया था। लेकिन यह हिटलर की सेना की बड़ी भूल थी, क्योंकि इसके बाद सोवियत सैनिकों ने जर्मन सेना को तबाह करना शुरू किया। जर्मनी के लिए मामला तब और पेचीदा हो गया, जब उसने अमेरिका से भी दुश्मनी मोल ले ली। इसके बाद तो ब्रिटेन, रूस समेत अमेरिका सभी देशों ने मिलकर जर्मनी को घुटनों के बल लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हिटलर का भ्रम अब टूट चुका था, दुनिया को डराने वाला  हिटलर अब खुद डर रहा था। मित्र राष्ट्रों द्वारा जब जर्मनी के शहरों पर बमबारी हो रही थी, तो हिटलर अपने लिए सुरक्षित जगह ढ़ूंढ़ रहा था। उसने एक बंकर में शरण लेने की ठानी, जहां उसकी गर्लफ्रैंड इवा भी मौजूद थी। आखिरकार अपने सपनों को नाकाम होते देख बंकर के स्टडी रूम में हिटलर ने अपनी गर्लफ्रैंड सहित खुद को गोली मार ली थी। ध्यान दीजिए कि सर्गेई किस्लित्सिया सोमवार को आयोजित यूनाइटेड नेशंस के जेनेरल असेंबली में यही बात याद दिला रहे थे।

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