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Video: बेरोजगारी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया ऐसा बयान, PM मोदी के आलोचकों को लग सकती है मिर्ची

नई दिल्ली। जहां एक तरफ पूरा विपक्ष एकजुट होकर मोदी सरकार को बेरोजगारी के मसले पर घेरने में जुटा है, तो वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय आईटी एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान दिया है, जिससे अगर मोदी सरकार के आलोचक वाकिफ हो गए, तो उन्हें मिर्ची लग जाएगी। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आप ऐसा क्यों कह रहे हैं। आखिर केंद्रीय मंत्री ने ऐसा क्या कह दिया है। जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो चलिए अब हम आपको आगे सबकुछ विस्तार से बताते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा…?

दरअसल, एक कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, आईटीईएस और स्टार्टअप्स ने मिलकर पहले ही 90 लाख नौकरियां सृजित की हैं और दो साल के समय में 1 करोड़ नौकरियों को पार करने की उम्मीद है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने उपरोक्त बयान देश में स्टार्ट-अप्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की प्रगति को देखते हुए दिया है। ध्यान रहे कि केंद्रीय मंत्री के उपरोक्त बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, विपक्षी दल समेत पीएम मोदी के आलोचक बेरोजगारी को लेकर हमेशा से ही पीएम मोदी को घेरते आ रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री द्वारा दिया गया उपरोक्त बयान उन सभी विपक्षी दलों के लिए करारा जवाब है, जो बेरोजगारी को लेकर उन्हें घेरने का काम करते हैं।

बेरोजगारी रहा विपक्षियों का मुद्दा

यही नहीं, कई चुनावी राज्यों में भी विपक्षी दल मोदी सरकार के विरोध में माहौल बनाने के लिए बेरोजगारी का मुद्दा जोरों-शोरों से उठाते आ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी बीजेपी पीएम मोदी की अगुवाई में जीत का पताका फहराने में सफल रहती है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि पीएम मोदी को लोगों का समर्थन प्राप्त है। ध्यान रहे कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं।

हालांकि, गुजरात में पहले चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और दूसरे चरण के चुनाव आगामी पांच दिसंबर को होने हैं। तब यह साफ हो जाएगा कि सूबे में किसकी सरकार बनने जा रही है। ध्यान रहे कि इन सभी चुनावी राज्यों में विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में महौल बनाने के लिए बेरोजगारी का मसले का खूब जिक्र किया है। अब ऐसे में इन समलों का आगामी दिनों में इन चुनावी राज्यों में कितना असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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