नई दिल्ली। केरल के एकलौते बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री के. सुरेश गोपी एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। सुरेश गोपी ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए उनको मदर ऑफ इंडिया कहा। वहीं सुरेश गोपी ने दिवंगत कांग्रेसी नेता करुणाकरण और मार्क्सवादी नेता ई.के.नयनार को अपना राजनीतिक गुरु बताया। हालांकि उन्होंने इस बयान का राजनीतिक मतलब न निकालने का आग्रह किया।
पुनकुन्नम स्थित करुणाकरण के स्मारक मुरली मंदिर में उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे गोपी ने कहा कि वो इंदिरा गांधी को ‘भारत की मां’ मानते थे, इसलिए करुणाकरण उनके लिए ‘राज्य में कांग्रेस पार्टी के पिता’ समान थे। उन्होंने कहा कि करुणाकरण को केरल में कांग्रेस के ‘पिता तुल्य’ बताना दक्षिणी राज्य में पुरानी पार्टी के संस्थापकों या सह-संस्थापकों का अनादर नहीं है। आपको बता दें कि आपको बता दें कि त्रिशूर लोकसभा सीट से सांसद सुरेश गोपी ने करुणाकरण के बेटे और कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन को चुनाव में हराया है।
गौरतलब है कि मोदी कैबिनेट में बतौर मंत्री शपथ लेने के अगले ही दिन सुरेश गोपी ने कहा था कि मैं राज्य मंत्री नहीं बनना चाहता था और मैंने पार्टी को पहले ही बताया था। मुझे लगता है कि पार्टी जल्द मुझे पद से मुक्त कर देगी। मैं सांसद के तौर पर काम करना चाहता हूं। मंत्री पद छोड़ने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा था कि मैंने कई फिल्में साइन की हैं और मुझे उन फिल्मों को करना है। हालांकि बाद में जब इस बयान पर काफी चर्चा शुरू हो गई तो सुरेश गोपी ने यूटर्न ले लिया था। इसके बाद सुरेश गोपी ने सफाई देते हुए कहा कि मैं मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देना चाहता। कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म गलत खबरें फैला रहे हैं कि मैं मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। यह सरासर गलत है।