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UP: 15 दिसंबर से चलाया जा रहा ‘विशेष वरासत अभियान’ अब अगले आदेश तक रहेगा जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भूमि विवादों को पूरी तरह खत्म करने को लेकर बीती 15 दिसंबर से चलाया जा रहा ‘विशेष वरासत अभियान’ अब अगले आदेश तक जारी रहेगा। सरकार ने इस अभियान के समय को दूसरी बार बढ़ा दिया है। बीती 15 फरवरी को इस अभियान का समय बढ़ाकर 28 फरवरी किया गया था। अब अगले आदेश तक सूबे में विशेष वरासत अभियान को जारी रखने के निर्देश दिया गया है। सरकार के इस अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों में हाथों-हाथ लिया गया है। बीती 15 दिसंबर से गत 28 फरवरी तक राज्य में आठ लाख से अधिक वरासत संबंधी प्रकरणों का निस्तारण होना, यह साबित करने के लिए काफी है। राज्य के राजस्व सचिव संजय गोयल के अनुसार, गत 15 दिसंबर से ‘आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार’ के संकल्प से शुरू हुए विशेष वरासत अभियान के तहत अब तक 8,67,343 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 8,43,611 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। ग्रामीणों से प्राप्त शेष बचे 23,732 आवेदनों को निस्तारित करने की प्रक्रिया चल रही है। इन सभी प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित कर दिया जाएगा।

राजस्व सचिव संजय गोयल का दावा है कि राजस्व विभाग द्वारा चलाया गया यह एक बड़ा सफल अभियान साबित हुआ है। यह अभियान गुड गवर्नेंस परफेक्ट गवर्नेंस की अवधारणा को सच कर रहा है। वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश और समयबद्ध निगरानी का ही नतीजा है कि आमजनमानस के बीच यह अभियान लोकप्रियता के नए सोपान गढ़ रहा है। उम्मीदों को परवान चढ़ाने की इस कवायद में बीती 15 दिसंबर से गत 28 फरवरी तक लखनऊ मंडल ने 93,416 वरासत संबंधी प्रकरणों का निस्तारण कर अव्वल स्थान हासिल किया है, जबकि वाराणसी मंडल दूसरे तथा अयोध्या मंडल तीसरे स्थान पर रहा है। वाराणसी मंडल में 76,549 और अयोध्या मंडल में 72,570 वरासत संबंधी प्रकरणों का निस्तारण अब तक किया गया है।

संजय गोयल बताते हैं, “विशेष वरासत अभियान के तहत लंबित वरासत के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए करीब 23 हजार लेखपाल और 2700 राजस्व निरीक्षक गांव-गांव गए और वर्षों से लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया। पहली बार राज्य में इस तरह का अभियान चलाया गया है। राज्य में वरासत संबंधी विवादों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पांच चरणों में चलाए गए इस अभियान की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि उक्त अभियान को बेहद गंभीरता से चलाया जाए और इस के खत्म होने तक वरासत संबंधी सभी लंबित प्रकरण समाप्त हो जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री की मंशा साफ थी कि राज्य में वरासत से संबंधित सभी लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दिया जाए, क्योंकि इन प्रकरणों के लंबित रहने से भूमि के विवाद होते हैं। जिसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री ने विशेष वरासत अभियान शुरू करने की योजना तैयार करायी थी। जिसके तहत मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को विशेष वरासत अभियान में प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए थे।”

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