News Room Post

Delhi Airport: फ्लाइट की लेटलतीफी पर नहीं थम रहा हंगामा, अब ज्योतिरादित्य सिंधिया को देना पड़ा बयान, जानिए क्या कहा?

नई दिल्ली। धुंध और कोहरे की वजह से फ्लाइट की लेटलतीफी को लेकर यात्री अपना आक्रोश सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं और यह सवाल भी कर रहे हैं कि आखिर इस लेटलतीफी का सामना हमें कब तक करना पड़ेगा। हालांकि, इस सवाल का जवाब देने से पहले तो गुरेज किया जा रहा था, लेकिन जब लगा कि अब स्थिति गंभीर हो चुकी है, तो खुद केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंदिया ने पूरे मामले पर बयान दिया है और आश्वासन भी दिया है कि जल्द से जल्द इस समस्या का निपटारा कर लिया जाएगा। आइए, आगे आपको बताते हैं कि सिंधिया ने अपने बयान में क्या कुछ कहा है?

आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने बयान में कहा कि, ‘कल, दिल्ली में अभूतपूर्व कोहरा देखा गया, जिसमें दृश्यता में कई घंटों तक उतार-चढ़ाव आया और कभी-कभी सुबह 5 बजे से 9 बजे के बीच दृश्यता शून्य तक गिर गई। इसलिए, अधिकारियों को CAT III रनवे पर भी कुछ समय के लिए संचालन बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा (CAT III रनवे शून्य-दृश्यता संचालन को संभाल नहीं सकते हैं)। यह निर्णय यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया, जो विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में सभी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।

हालांकि, निकट भविष्य में स्थिति को कम करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं। दिल्ली हवाई अड्डा की संतुष्टि के लिए CAT III-सक्षम चौथे रनवे (मौजूदा CAT III-सक्षम रनवे के अतिरिक्त) के परिचालन में तुरंत तेजी लाने के लिए कहा गया है। डीजीसीए प्रतिकूल मौसम के कारण उड़ान रद्द होने और देरी के मद्देनजर असुविधा को कम करने के लिए यात्रियों के बेहतर संचार और सुविधा पर एयरलाइंस के लिए एक एसओपी जारी करेगा। सभी यात्रियों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि इस कठिन समय में हमारा साथ दें। सभी हितधारक यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। इसके बीच अनियंत्रित व्यवहार की घटनाएं अस्वीकार्य हैं और इनसे मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुरूप सख्ती से निपटा जाएगा। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि सभी हितधारक कोहरे से संबंधित प्रभाव को कम करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। बहरहाल, अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि जो बातें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से कहीं गई हैं, वो कब तक मूर्त रूप धारण कर पाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version