नई दिल्ली। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में 2024 को उथल-पुथल भरा साल बताते हुए कहा था कि कोविड-19 के बाद हुए चुनावों में भारत समेत कई देशों की सरकारें गिर गईं। उनके इस बयान ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मचा दिया, क्योंकि यह दावा तथ्यों से परे था। इस मामले पर विवाद बढ़ने के बाद मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने बयान जारी कर माफी मांगी। ठुकराल ने ट्वीट कर लिखा, “भारत मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश है। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी मांगना चाहते हैं।”
हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी मांगना चाहते हैं” ,मार्क जकरबर्ग के बयान को लेकर मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने कहा #MarkZuckerberg #Meta pic.twitter.com/rx1m7LU8uM
— India 24×7 live Tv (@india24x7livetv) January 15, 2025
निशिकांत दुबे ने माफी को बताया जनता की जीत
बीजेपी सांसद और IT संसदीय पैनल के प्रमुख निशिकांत दुबे ने मेटा इंडिया की माफी को भारतीय नागरिकों की जीत बताया। दुबे ने कहा, “यह माफी भारतीय संसद और सरकार के प्रति जनता के भरोसे की पुष्टि है।” उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से अन्य मामलों पर भी सवाल-जवाब किए जाएंगे।
अश्विनी वैष्णव ने भी जुकरबर्ग के बयान की आलोचना की
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, “भारत के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में अपना विश्वास दिखा चुके हैं। महामारी के बाद भी भारत की जनता ने स्थिरता बनाए रखी है।” वैष्णव ने जुकरबर्ग के बयान को तथ्यों के खिलाफ करार दिया।
Dear Honourable Minister @AshwiniVaishnaw , Mark’s observation that many incumbent parties were not re-elected in 2024 elections holds true for several countries, BUT not India. We would like to apologise for this inadvertent error. India remains an incredibly important country…
— Shivnath Thukral (@shivithukral) January 14, 2025
सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
जुकरबर्ग के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। जहां कुछ लोगों ने इसे मेटा की लापरवाही बताया, वहीं कुछ ने कहा कि ऐसे बयानों से विश्व स्तर पर गलत संदेश जा सकता है। इस घटनाक्रम ने सोशल मीडिया कंपनियों पर लगाम लगाने और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग को और तेज कर दिया है। भारतीय नेताओं का कहना है कि भविष्य में ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।