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WB: अमित शाह के मटुआ समुदाय के सदस्य और आदिवासी के घर खाना खाने से बेचैन TMC, जानिए पूरी कहानी…

Amit Shah Matua Samuday

नई दिल्ली। शुक्रवार को पश्चिम बंगाल दौरे के दूसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी के कई अन्य नेताओं के साथ मटुआ समुदाय (Matua community) के घर पर भोजन करने पहुंचे। उनका मटुआ समुदाय के घर जाकर खाना बंगाल विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखते हुए काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि इस मौके पर मटुआ समुदाय द्वारा शाह के स्वागत की जोरदार तैयारियां की गई थीं। देश के गृह मंत्री को अपने घर पाकर लोगों में एक अलग ही उत्साह दिखाई दे रहा था। अमित शाह के पहुंचते ही सबसे पहले महिलाओं ने शाह की आरती उतारी। इसके बाद उनपर फूलों की बारिश भी महिलाओं द्वारा की गई। बता दें कि मटुआ समुदाय के नबीन बिस्वास के घर में प्रवेश करते ही शाह का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। खाना के समय अमित शाह के सामने पश्चिम बंगाल की परंपरा के अनुसार, केले के पत्ते पर भोजन परोसा गया। शाह ने जमीन पर बैठकर भोजन किया। गौरतलब है कि ये भोजन नबीन बिस्वास की पत्नी ने खुद तैयार किया था।

बताया जा रहा है कि खाने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चावल, रोटी, शुक्तो, मूंग दाल, तूर दाल, पनीर, चटनी और खीर परोसी गई। वहीं मटुआ समुदाय की बात करें तो ये समुदाय आजादी के बाद विस्थापित होकर बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल आया था। केंद्र सरकार से लगातार ये समुदाय नागरिकता संशोधन कानून के तहत नागरिकता देने की मांग करता रहा है। माना जाता है कि 2019 में इस समुदाय के लोग बीजेपी के साथ थे, लेकिन फिलहाल उनके युवा सांसद शांतनु ठाकुर इस कानून को लेकर नाराज हैं। ऐसे में अमित शाह ने मटुआ परिवार के साथ खाना खाकर अपनापन जताने की कोशिश की है।

वहीं इससे पहले गुरुवार को अमित शाह बांकुरा पहुंचे थे। अमित शाह बंकुरा के चतुर्थी गांव में आदिवासी परिवार से मुलाकात करने पहुंचे थे। आदिवासी परिवार के साथ मुलाकात के दौरान अमित शाह ने उन लोगों की समस्या के बारे में जाना। आदिवासी परिवार के साथ बातचीत करने के बाद शाह ने वहां पर खाना खाया। आदिवासी लोगों ने शाह को केले के पत्तों पर खाना परोसा।


बता दें कि गुरुवार को अमित शाह ने मटुआ समुदाय के एक परिवार के साथ भोजन किया था। इस परिवार के साथ खाना खा कर शाह ने जता दिया कि उनका ध्यान उनकी चिंताओं की है और इसके साथ ही वो बंगाल के चुनावी मैदान में सीएए मुद्दे को आगे लेकर आ गए हैं। जिसकी वजह से टीएमसी की चिंताएं बढ़ती दिख रही है।

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के बाद से अमित शाह की पश्चिम बंगाल में पहली यात्रा थी। इस यात्रा में अमित शाह ने आदिवासी परिवार में पहुंचकर खाना खाया तो इसने ममता की चिंता बढ़ा दी है। टीएमसी को लोकसभा चुनाव के बाद से ही राज्य में भाजपा का जनाधार बढ़ता नजर आ रहा है। जबकि इस सबके बीट दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष लगातार देखा जा रहा है।

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