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Mahua Moitra Expelled: आखिर क्या है वो पूरा माजरा?, जिसकी वजह से गंवानी पड़ी महुआ मोइत्रा को संसद सदस्यता, यहां जानिए पूरी टाइमलाइन

नई दिल्ली। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता आज रद्द कर दी गई। 11 सदस्यीय एथिक्स कमेटी ने आज संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान महुआ के खिलाफ 50 पेज की जांच रिपोर्ट पेश की। जिसमें महुआ पर लगाए गए आरोपों के सिद्ध होने की बात कही है। वहीं, एथिक्स कमेटी के अध्य़क्ष विनोद सोनकर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की। जिस पर बिरला ने चर्चा के लिए आधे घंटे का समय दिया। जिसे लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपर्याप्त बताते हुए दो से तीन दिन का समय देने की मांग की। उधर, बीजेपी की ओर से मनीष तिवारी ने महुआ पर लगे आरोपों को गंभीर बताते हुए उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की। लिहाजा आधे घंटे के चर्चा के बाद महुआ को संसद से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बहरहाल, अब देखना होगा कि वो आगामी दिनों में अपनी सांसदी को बचाने के लिए क्या कुछ कदम उठाती है, लेकिन आइए उससे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर किस मामले में महुआ के खिलाफ ये कार्रवाई की गई?

जानिए पूरा माजरा

दरअसल, बीते दिनों गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर व्यापारी दर्शन हीरानंदानी से करोड़ों रुपए लेकर उनके हित में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। वहीं, महुआ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इन्हें राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वो हर प्रकार के मामले की जांच के लिए तैयार है। इसके बाद 11 सदस्यीय एथिक्स कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने पूरे मामले की जांच की, तो महुआ को पूरे मामले में दोषी पाया गया, जिसके बाद टीएमसी सांसद को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई। यही नहीं, बीते दिनों इस संदर्भ में काउंटिंग भी हुई, जिसमें 6 सदस्यों ने महुआ के निष्कासन के पक्ष में वोट किया। वहीं, आज एथिक्स कमेटी ने जांच संपन्न कर आज संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 50 पन्नों की रिपोर्ट पेश की, जिसकेृ बाद ओम बिरला ने महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की।

क्या बोले दर्शन हीरानंदानी

वहीं, बीते दिनों महुआ मोइत्रा प्रकरण पर व्यापारी दर्शन हीरानंदानी ने अपनी प्रतिक्रिया में टीएमसी सांसद पर लगे आरोपों की पुष्टि कर दी थी और यहां तक भी कह दिया था कि महुआ ने उनका अपने सियासी फायदे के वास्ते इस्तेमाल करने की कोशिश की। लेकिन, जैसे ही उन्हें यह एहसास हुआ कि महुआ द्वारा उनका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, तो उन्होंने दूरी बना ली।

विपक्षी कुनबा हुआ एकजुट

बता दें कि महुआ की निष्कासन के बाद विपक्षी कुनबा एकजुट हो चुका है। इतना ही नहीं, महुआ के निष्कासन के विरोध में तमाम विपक्षी नेताओं ने एकजुट होकर सदन की कार्यवाही से वॉकआउट किया। वहीं, अपनी पहली प्रतिक्रिया में महुआ ने कहा कि अदानी पर मोदी सरकार से सवाल पूछने की सजा मुझे दी जा रही है, लेकिन मैं डरने वाली नहीं हूं। वहीं, महुआ के निष्कासन के विरोध में अमरोहा से बीएसपी सांसद दानिश अली ने कहा कि आज संसद मे मेरे कई साथी महुआ पर लगे आरोपों को संसद की मर्यादा का भंग होना बता रहे थे। मैं पूछना चाहता हूं कि जब रमेश बिधूड़ी ने मुझ पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, तो क्या उस वक्त संसद की गरिमा भंग नहीं हुई थी।

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