नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की कमान अभी भूपेश बघेल के हाथों में है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। नवंबर माह में चुनाव होंगे, लेकिन सियासी सरगर्मियां अभी से ही तेज हो चुकी हैं। कांग्रेस से लेकर बीजेपी के बीच चुनाव को लेकर तैयारियों का सिलसिला तेज हो चुका है। बीजेपी जहां बघेल सरकार की खामियों को मुद्दा बनाकर मौजूदा सरकार के खिलाफ राजनीतिक माहौल बनाने की जुगत में जुट चुकी है, तो वहीं कांग्रेस अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रही हैं। अब ऐसे में सूबे की जनता पर किसकी तासीर गहरी होती है। खामियों की या खूबियों की? यह तो फिलहाल कह पाना मुश्किल है, लेकिन आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर एबीपी ने मैट्राइज के साथ मिलकर एक सर्वे किया है। यह सर्वे इस बात को लेकर है कि सूबे की जनता पीएम मोदी के कामकाज के बारे में क्या सोचती है? आखिर कितने प्रतिशत लोग पीएम मोदी के कामकाज से खुश हैं और कितने परेशान? सूबे की जनता के इन अनुभवों को आगे हम आपके सामने आंकड़ों के रूप में पेश करेंगे, ताकि आप आगामी सियासी दंगल की रूपरेखा के बारे में अपने जेहन में सहज ही मानचित्र उकेर सकें।
पहले आप यह जान लीजिए कि यह सर्वे 7 से 22 मार्च के बीच के हैं। सर्वे के दौरान सभी लोगों के अनुभवों को खास तवज्जो दी गई है। सर्वे के मुताबिक, प्रदेश के 46 फीसद लोग पीएम मोदी के कामकाज को बेहतर मानते हैं, तो 48 फीसद संतोषजनक मानते हैं। उधर, 6 फीसद ऐसे लोग भी हैं, जिनका कहना है कि पीएम का कामकाज खराब रहा है। खैर, ये तो रहा व्यक्तिगत तौर पर पीएम मोदी का कामकाज। लेकिन, अगर केंद्रीय स्तर पर सरकार के कामकाज की बात करें, तो सर्वे के मुताबिक, 38 फीसद लोग सरकार के कामकाज से खुश हैं। 44 फीसद लोग सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं। वहीं, 18 फीसद लोग सरकार के कामकाज से नाराज भी हैं। बता दें कि आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी नेता केंद्र सरकार की उपलब्धियों से जनता को वाकिफ करा रहे हैं और उन्हें विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर सूबे में डबल इंजन की सरकार आई, तो प्रदेश का विकास दोगुनी गति से होगा, जिसे ध्यान में रखते हुए उक्त सर्वे को आगामी चुनाव के लिहाज से काफी उपयोगी माना जा रहा है। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर सर्वे का आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ता है?
सर्वे के मुताबिक, प्रदेश के 38 फीसद लोगों का ऐसा मानना है कि उक्त सर्वे का आगामी विधानसभा चुनाव में असर पड़ सकता है। वहीं 23 फीसद लोगों का कहना है कि उक्त सर्वे का आगामी चुनाव में असर पड़ सकता है। इसके अलावा 39 फीसद ऐसे भी लोग हैं, जिनका कहना है कि आगामी सियासी दंगल में इस सर्वे का कोई सर नहीं पड़ेगा। बहरहाल, अब आगामी सियासी दंगल में किसका कितना असर पड़ता है। यह देखने वाली बात होगी।