News Room Post

Border Dispute: सीमा विवाद पर PM मोदी की नेपाल के पीएम को नसीहत, कहा- जिम्मेदार बनिए

नेपाल ने साल 2020 में एक नया राजनीतिक मैप जारी किया। इसमें भारत के तीन इलाकों लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को उसने अपना हिस्सा बताया। इससे दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव हो गया था। भारत ने इसे एकतरफा बताया था और कहा था कि ऐसे किसी दावे को वो नहीं मानता।

pm modi and sher bahadur deuba

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा को भारत-नेपाल सीमा विवाद के मसले पर नसीहत दी है। मोदी ने देउबा से शनिवार को मुलाकात के दौरान कहा कि सीमा के मसले का समाधान बातचीत के जरिए और जिम्मेदार तरीके से किया जाना चाहिए। मोदी ने देउबा को ये भी कहा कि दोनों ही देशों के नेताओं को सीमा विवाद का राजनीतिकरण करने से भी बचने की जरूरत है। मोदी और देउबा के बीच सीमा विवाद पर बातचीत के बारे में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को ये जानकारी दी। नेपाल ने उत्तराखंड के कई भारतीय इलाकों पर अपना दावा पेश किया है और वहां पीएम रहते केपी शर्मा ओली ने इस बारे में बढ़-चढ़कर बयानबाजी की थी।

मोदी से मुलाकात के बाद देउबा ने बयान जारी कर कहा कि सीमा के मसले पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि मोदी से इस मसले को हल करने के लिए द्विपक्षीय तंत्र बनाने का मैंने आग्रह किया है। हालांकि, इस बारे में भारतीय विदेश सचिव का कहना था कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की बातचीत में सीमा विवाद का मसला कुछ देर तक ही छाया रहा। श्रृंगला ने कहा कि इस मसले पर संक्षेप में चर्चा हुई। दोनों देशों के प्रमुखों ने माना कि भारत-नेपाल के करीबी रिश्तों और पुरानी दोस्ती के आलोक में इसे जिम्मेदार तरीके से हल करना चाहिए। इस मसले पर बयानबाजी से मामला बिगड़ सकता है। ये बात मोदी ने कही और देउबा ने इस पर हामी भरी।

अब आपको बताते हैं कि भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद आखिर कब शुरू हुआ। दरअसल, नेपाल ने साल 2020 में एक नया राजनीतिक मैप जारी किया। इसमें भारत के तीन इलाकों लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को उसने अपना हिस्सा बताया। इससे दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव हो गया था। भारत ने इसे एकतरफा बताया था और कहा था कि ऐसे किसी दावे को वो नहीं मानता। मई 2020 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया, तो नेपाल ने इसका विरोध किया था। नेपाल ने कहा था कि सड़क उसके इलाके में बना दी गई है। इसके बाद ही उसने नया नक्शा जारी किया था।

Exit mobile version