मुंबई। रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने ब्याज दरों पर ताजा एलान किया है। ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट को 6.5 फीसदी ही रखा गया है। बैंक रेट 6.5 फीसदी रहेगी। इससे आपको ईएमआई पर कोई कमी नहीं मिलने के आसार फिलहाल नहीं दिख रहे हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों पर एमपीसीसी की 3 दिन चली बैठक के बाद ये एलान किया है। आरबीआई के ताजा एलान पर तमाम लोगों की आंखें लगी हुई थीं। इसकी वजह ये कि काफी दिनों से कर्ज पर ईएमआई में कोई राहत देखने को नहीं मिली है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी भी दुनिया में काफी उथल-पुथल है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर में गिरावट आई है। शक्तिकांत दास ने भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2023 में महंगाई की दर 4 फीसदी से कुछ ज्यादा थी, लेकिन दिसंबर में ये 5 फीसदी से ज्यादा हो गई। इसकी वजह खाने-पीने के सामान की कीमतों का बढ़ना है।
आरबीआई ने इससे पहले लगातार 5 बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बनाए रखा था। ब्याज दर को फरवरी 2023 में 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया गया था। इससे पहले मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में आरबीआई ने 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी। आरबीआई का ये फैसला लगातार बढ़ती महंगाई को थामने के लिए किया गया था। महंगाई की दर रूस और यूक्रेन के बीच जंग के कारण दुनियाभर में बढ़ रही है। भारत में भी महंगाई की दर 6 फीसदी से ज्यादा हो गई थी। आरबीआई की तरफ से लगातार ऊंची ब्याज दर यानी रेपो रेट रखने के कारण अब ये 6 फीसदी से कम हुई है।
रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी के कारण जहां कार और होम लोन के साथ ही अन्य कर्ज पर लोगों को ईएमआई पर कोई राहत नहीं मिल रही थी, वहीं एफडी कराने वालों को बैंक ज्यादा ब्याज दे रहे थे। सरकारी निवेश योजना पर भी महंगाई दर बढ़ने का असर देखा गया और वहां भी तमाम योजनाओं की ब्याज दरों में लगातार वित्त मंत्रालय ने इजाफा किया।