News Room Post

Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल पर अधीर ने की श्रेय लेने की कोशिश, तो अमित शाह ने इस तरह से कर दी बोलती बंद !

नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया। कल इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। बीते सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में इस बिल पर मुहर लगाई गई थी। वहीं, संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद यह विधेयक कानून का रूप धारण कर लेगा। कल इस पर लोकसभा में विस्तृत चर्चा होगी। जिस पर सभी अपनी-अपनी राय रखेंगे। वहीं, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विधेयक पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि आजादी के सात दशकों के बाद भी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है, जिसे बढ़ाने की दिशा में यह बिल लाया जा रहा है और मैं अपने आपको भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे ईश्वर ने इस काम के लिए चुना है।

वहीं, विपक्ष की ओर से मोर्चा संभालते हुए लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी ने बिल पर अपनी बात रखी जिसमें उन्होंने कहा कि यह बिल सराहनीय है, लेकिन मैं यहां यह कहना चाहता हूं कि महिला आरक्षण की दिशा में पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा भी प्रयास किए जा चुके हैं। अधीर ने कहा कि राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने भी प्रयास किए। महिला आरक्षण की दिशा में बिल लाए गए, लेकिन कभी यह लोकसभा में अटक गया, तो कभी राज्यसभा में, लिहाजा मैं यह सवाल पूछना चाहता हूं कि जब मनमोहन सिंह द्वारा लाया गया बिल अभी तक जिंदा है, तो इस पर दूसरा बिल लाने की आवश्यकता क्यों पड़ी, जिस पर सत्तापक्ष की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपत्ति जताई। उन्होंने अधीर द्वारा दिए गए वक्तव्यों को त्रुटियुक्त बताते हुए कहा कि लोकसभा में महिला आरक्षण से जु़ड़ा कोई भी विधेयक कभी पारित ही नहीं हुआ था। वहीं, 2010 में लाया गया महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक 2014 में पारित हो गया था, लिहाजा अधीर द्वारा कही गई दोनों बाते गलत हैं। मैं चाहूंगा कि इसे रिकॉर्ड से हटा दिया जाए।

उधर, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 2010 में मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी यह बिल पारित हुआ था, जिसके बाद इसे कमेटी को भेजा गया था। इसके बाद मार्च 2010 में यह बिल पारित हो गया था। उसके बाद इसे लोकसभा में लाया गया, लेकिन 2014 में जैसे ही लोकसभा भंग हुई थी, तो ये बिल भी भंग हो गया था। उधर, अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि देवगौड़ा और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी यह बिल लाया गया था, लेकिन संख्याबल के अभाव में पारित नहीं हो पाया था।

Exit mobile version