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UP: जब गांधी परिवार के करीबी रिश्तेदार की जमीन अतीक अहमद ने हड़प ली थी, PMO से गया था फोन, फिर… !

नई दिल्ली। वो और बात है कि आज योगी सरकार का हंटर माफिया अतीक अहमद के खिलाफ लगातार चल रहा है, तो उसकी हालत पस्त हो चुकी है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पूर्व की सरकार में उसकी दादागीरी इस कदर अपने चरम पर थी कि उसने एक मर्तबा गांधी परिवार के करीबी रिश्तेदार की जमीन को भी कब्जे में लेने से कोई गुरेज नहीं किया था। वो मामला गांधी परिवार से जुड़ा था, तो तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद मामले में सक्रियता दिखाई। जिसके बाद दिल्ली से सीधा उत्तर प्रदेश अधिकारियों को फोन गया। बताया जाता है कि उस वक्त पीएमओ की ओर से प्रदेश के अधिकारियों को फटकार लगाई गई और मामले को संज्ञान में लेने के बाद जल्द से जल्द इसका निस्तारण करने की बात कही गई थी। वहीं, पीएमओ से फोन जाने के बाद प्रदेश अधिकारी हरकत में आए और फिर मामला निपटाया गया। जब तत्कालीन प्रदेश सरकार की ओर से अधिकारियों पर दबाव बनाया गया, तो अतीक अहमद ने अपने कदम पीछे किए।

बताया जाता है कि सोनिया गांधी के ससुर फिरोज गांधी के बहनोई के भतीजे की पत्नी की प्रयागराज स्थित संपत्ति को अतीक अहमद ने हड़प लिया था, लेकिन पीएमओ से फोन जाने के बाद तत्कालीन यूपी सरकार हरकत में आई और नतीजतन अतीक को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे। बता दें कि यह पूरा वाकया  2007 का है। उस वक्त प्रदेश में सपा की सरकार थी। अतीक अहमद खुद सपा में था। इतना ही नहीं, बताया जाता है कि अतीक  मुलायम सिंह यादव का करीबी हुआ करता था। बीजेपी का आरोप है कि अतीक जैसे माफियाओं को पालने-पोषने का काम किसी और ने नहीं, बल्कि सपा ने ही किया है। जिसका जिक्र खुद सीएम योगी ने यूपी विधानसभा में किया था।

वहीं, इस पूरे मामले के बाद गांधी परीवार के रिश्तेदार उत्तर प्रदेश की अपनी सभी संपत्तियों को बेचकर मुंबई शिफ्ट हो गए थे। कहा जाता है कि अतीक की दहशत लोगों के बीच इस कदर थी कि जिस किसी भी संपत्ति पर उसकी नजर जाती थी, वो उसे अपने कब्जे में ले लिया करता था। बता दें कि योगी सरकार उमेश पाल हत्याकांड मामले में अतीक के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। उमेश राजू पाल हत्याकांड मामले में मुख्य गवाह था, लेकिन बीते दिनों अतीक के गुर्गों ने उमेश को मौत के घाट उतार दिया था, ताकि वो अतीक के खिलाफ गवाही ना दे सकें। ध्यान रहे कि राजू पाल हत्याकांड का आरोप किसी और पर नहीं, बल्कि अतीक अहमद पर ही लगा था और उमेश पाल इस पूरे मामले अतीक के खिलाफ मुख्य गवाह था, जिसे रास्ते हटाने के लिए उसे मौत के घाट उतार दिया गया। बहरहाल, अभी योगी सरकार का हंटर अतीक अहमद के खिलाफ लगातार चल रहा है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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