नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी अपने बयान तो कभी अपनी पोशाक तो कभी अपने अंदाज को लेकर सुर्खियों में छाए रहते हैं। बीते दिनों ही उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था, जब उनकी 100 वर्षीय मां का बीमारी के बाद निधन हो गया था। हालांकि, मां के निधन के बाद भी पीएम मोदी ने राजधर्म के कर्तव्य का निर्वहन किया था। अपनी मां की अंत्योष्टि के बाद प्रधानमंत्री ना महज पश्चिम बंगाल में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए, बल्कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई, जिसकी हर किसी ने सराहना की है। याद दिला दें कि प्रधानमंत्री की मां के निधन के बाद बीजेपी के सभी नेता अपने राजधर्म को निभाने में थे। जिससे यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी हर विषम परिस्थितियों में देश की सेवा के लिए तत्पर हैं।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मोदी अर्काइव को लेकर चर्चा में रहते हैं। जिसमें पीएम मोदी के पुराने संस्मरण साझा किए जाते हैं। इसी बीच पीएम मोदी अर्काइव में एक ऐसा ही पुराना संस्मरण साझा किया गया। दरअसल, यह प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का ऑडियो क्लिप है। यह ऑडियो क्लिप 1984 का है, जिसमें प्रधानमंत्री भारतीय वैज्ञानिकों की शान में कसीदे पढ़ते हुए सुने जा सकते हैं। वहीं वे भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए सुने जा सकते हैं। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में क्या कुछ कहते हुए सुने जा रहे हैं।
पीएम मोदी का संबोधन…
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह संबोधन 1984 में पुणे स्थित संघ शिक्षा वर्ग में दिया था। जिसमें उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का जिक्र किया था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि, ‘यही भूमि है, जहां जगदीश चंद्र बोस, रबीन्द्रनाथ टैगोर, चंद्रशेखरन, डॉ हरभजन खुराना, सीवी रमन और ऐसे श्रेष्ठ लोगों ने नोबल प्राइज प्राप्त किया है। इसी शताब्दी में प्राप्त किया है। इसी भूमि में हमारे द्वारका के शंकराचार्य जिन्होंने अभी 40 साल पूर्व एक गणित का ग्रंथ लिखा है, जिसका नाम है वैदिक मैथेमेटिक्स।
PM @narendramodi addressed the 108th #IndianScienceCongress today…here’s a rare audio from his 1984 talk at the Sangh Shiksha Varg in Pune..
Speaking on “Vartaman Bharat Ni Samasya”, Modi lauded the contributions of eminent Indian scientists of the 20th century..Let’s hear! pic.twitter.com/LcaNKFfNN0
— Modi Archive (@modiarchive) January 3, 2023
प्रधानमंत्री आगे कहते हुए सुने जा सकते हैं कि इस वैदिक मैथेमेटिक्स को 16 सूत्रों में लिखा गया था। आज जगत में कंप्यूटर साइंस स्पर्धा कर रहा है। कंप्यूटरों में आगे निकलने का उसका प्रयास है। आज आणविक क्षेत्र की जो चर्चा चली है, उसमें इसी कालखंड के हमारे डॉ भाभा और विक्रम सारा भाई का नाम जगत के आणविक वैज्ञानिकों में श्रेष्ठ माना जाता है।
पीएम मोदी ने की भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ
आगे पीएम मोदी गणित के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले भारतीय गणितज्ञों का जिक्र करते हैं। प्रधानमंत्री आगे यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि दक्षिण भारतीय के एक व्यक्ति ने इसी कालखंड में अपना नाम कमाया है। इसके साथ ही इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सर विश्वश्वरय्या उनका नाम भी आज जग प्रसिद्ध है। जिन्होंने अभियंता के क्षेत्र में जगत को चकाचौंध कर दिया। इस तरह से पीएम मोदी अंतरिक्ष, विज्ञान और अभियंता के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले महानायकों का जिक्र करते हुए सुने जा सकते हैं। ध्यान रहे, उन दिनों भारतीय विज्ञान सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी शैशवावस्था में था। ऐसे में आज की परिधि में पीएम मोदी चर्चित संबोधन काफी सारगर्भित प्रतीत होते हैं। ध्यान रहे पीएम मोदी का यह ऑडियो अभी सोशल मीडिया पर खासा चर्चा में है। जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।