नई दिल्ली। आखिरकार, लंबी ऊहापोह के बाद रेवंत रेड्डी को तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंप दी गई है। पार्टी ने उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है। बता दें कि रेवंत रेड्डी ने आज हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। रेवंत रेड्डी को राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। ध्यान दें, 2014 में आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद रेवंत रेड्डी दूसरे सीएम हैं। इससे पहले केसीआर ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
Congratulations to Shri Revanth Reddy Garu on taking oath as the Chief Minister of Telangana. I assure all possible support to further the progress of the state and the welfare of its citizens. @revanth_anumula
— Narendra Modi (@narendramodi) December 7, 2023
उधर, सीएम रेवंत रेड्डी के सीएम बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘श्री रेवंत रेड्डी गारू को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई। मैं राज्य की प्रगति और उसके नागरिकों के कल्याण के लिए हर संभव समर्थन का आश्वासन देता हूं।’
#WATCH | New CM of Telangana Revanth Reddy and his family meet Congress Parliamentary Party Chairperson Sonia Gandhi, MP Rahul Gandhi and General Secretary Priyanka Gandhi Vadra after the swearing-in ceremony in Hyderabad. pic.twitter.com/h9SqUbHXZN
— ANI (@ANI) December 7, 2023
#WATCH | Telangana CM Revanth Reddy with his newly inducted cabinet in Hyderabad pic.twitter.com/g468C9rnJW
— ANI (@ANI) December 7, 2023
कौन हैं रेवंत रेड्डी
ध्यान दें, रेवंत रेड्डी वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्य़क्ष हैं, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत अखिल भारतीय विधार्थी परिषद से की थी, जिसके बाद उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी का दामन थाम लिया था, लेकिन जब वहां उनकी सियासी आकांक्षा पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का मन बना लिया।
उधऱ, कांग्रेस ने उनकी आकांक्षा की पूर्ति करते हुए उन्हें प्रदेश अध्य़क्ष की जिम्मेदारी सौंपी। उनके नेतृत्व में पार्ट ने तेलंगाना में अच्छा प्रदर्शन किया। यह रेवंत रेड्डी क के श्रम का ही नतीजा है कि आज जहां देश के तीन बड़े हिंदी सूबों में पार्टी की हार हुई है, लेकिन तेलंगाना में जीत हुई है।