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Farooq Abdullah : ‘जब सारा देश कश्मीरी हिंदू नरसंहार दिवस मना रहा था तब फारूक अब्दुल्ला… भाजपा का कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री पर पलटवार

Farooq Abdullah : फारुक के मुताबिक, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में पाकिस्‍तान की यात्रा से पहले उनसे राय मांगी थी तब भी उन्‍होंने (फारुक ने) दोनों देशों को एकजुट होने और आपसी विश्‍वास की बहालीका संदेश दिया था।

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के बयान जिसमें उन्होंने कहा था उन्हें राहुल गांधी में आदि गुरु शंकराचार्य नजर आते हैं इस पर अब भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। इस पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने फारूक अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए कहा कि “जब पूरा देश कश्मीरी हिंदू नरसंहार दिवस मना रहा था तब पाकिस्तान की सरपरस्ती को सही ठहराने वाले फारूक अब्दुल्ला जो राहुल गांधी की भारत जुड़े यात्रा में होने वाले हैं, पाकिस्तान जो आतंकवाद की जननी है जिसने बड़े पैमाने पर कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार करवाया उसके साथ बातचीत करने की दुहाई दे रहे थे।”

शहजाद पूनावाला ने यह भी कहा कि “यह तथाकथित भारत जोड़ो यात्रा नहीं है बल्कि अलगाववाद जोड़े यात्रा है, आतंकवाद जोड़ो यात्रा है, यह पाकिस्तान परस्त जोड़ो यात्रा है। यह वही इको सिस्टम है जो कहता है कि लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहराना है जो अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में खड़ा हो जाता है। और आज फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि उन्हें राहुल गांधी में शंकराचार्य नजर आते हैं। जो पार्टी लगातार हिंदुओं के अस्तित्व पर प्रहार करती है और गीता पर सवाल उठाती है। ऐसी पार्टी के नेता की तुलना श्री राम और शंकराचार्य करना सिर्फ एक मजाक है।”

 

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ कश्‍मीर सहित सभी बड़े मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाने की जरूरत जताई है। पाकिस्‍तान के पीएम के इस बयान वाले दिन, जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुक अब्‍दुल्‍ला ने भी लगभग ऐसी ही राय जताई है। फारुक ने कहा है कि कश्मीर समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करेगा। पाकिस्‍तान के नाम का जिक्र किए बिना फारुक अब्‍दुल्‍ला ने कहा, “कश्मीर की समस्या खत्म नहीं होगी। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आतंकवाद तब तक बना रहेगा, जब तक हम अपने पड़ोसी से बात नहीं करते और इसका सही समाधान नहीं निकालते।” फारुक के अनुसार, भारत को दशकों से चली आ रही इस समस्या का वास्तविक समाधान तलाशने की जरूरत है।

आपको बता दें कि कुछ समय पहले फारूक अब्दुल्ला ने राहुल गांधी की तुलना आदि गुरु शंकराचार्य की थी जिसके बाद देश भर में खूब सियासी हंगामा हुआ था। फारुक के मुताबिक, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में पाकिस्‍तान की यात्रा से पहले उनसे राय मांगी थी तब भी उन्‍होंने (फारुक ने) दोनों देशों को एकजुट होने और आपसी विश्‍वास की बहालीका संदेश दिया था। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा पीएम (नरेंद्र मोदी) ने भी साफ तौर पर कहा है कि जंग किसी समस्‍या का समाधान नहीं है। जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य के सीएम रहे फारुख ने देश के कुछ मौजूदा घटनाक्रमों को लेकर नाखुशी जताई। उन्‍होंने कहा, “संस्‍थानों, राज्‍यपालों और उप राज्‍यपाल को देखिए….वे किस तरह संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं…” फारूक अब्दुल्ला के इस बयान के बाद देश भर में खूब सियासी हंगामा शुरू हो गया है।

 

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