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Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot: “इस महीने में मांगें नहीं मानी तो प्रदेश में करुंगा आंदोलन”, सचिन पायलट की CM गहलोत को खुली चेतावनी

Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot: सचिन पायलट ने कहा कि अपने इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मैं हर तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं। हालांकि मैंने कभी किसी के ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया, बेशक आप मुझे गाली देते रहिए लेकिन मैंने आजतक किसी के विरुद्ध एक भी अपशब्द नहीं कहा, जब बच्चों के पेपर निरस्त हो जाते हैं तो वे हताश हो जाते है, सरकार इनपर ध्यान क्यों नहीं देती ये सवाल तो पूछा जाना चाहिए ना।

ashok gehlot and sachin pilot

जयपुर। कांग्रेस के लिए राजस्थान में सचिन पायलट गले की हड्डी बन चुके हैं। न तो कांग्रेस उन्हें सिरे से नकार पा रही है न उनकी मांगो को स्वीकार कर पा रही है। राज्य के भीतर अपने दो प्रमुख और बड़े नेताओं के बीच चल रही सियासी खींचतान से कांग्रेस हाईकमान में हड़कंप मचा हुआ है। इधर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जान संघर्ष यात्रा के खत्म होने के साथ ही अशोक गहलोत को खुले शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक महीने में हमारी मांगें नहीं मानी तो प्रदेश में आंदोलन करुंगा। उनके इस बयान के बाद राजस्थान में सियासी घमासान एक बार फिर शुरू हो गया है। हर तरफ यही सवाल उठ रहे हैं कि सचिन पायलट की इस खुली चेतावनी के बाद अशोक गहलोत सरकार किस तरीके से अपना अगला कदम उठाएगी ?

सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा के पांचवे और आखिरी दिन उन्होंने भाषणों में तमाम बातें कहीं, सचिन पायलट ने कहा कि मेरी निष्ठा पर घोरी विरोधी को भी उंगली उठाने का अधिकार नहीं है। चाहे मैं किसी पद पर रहूं न रहूं, लेकिन राजस्थान की जनता की सेवा में आखिरी सांस तक समर्पित रहूंगा। मैं किसी भी हालात में किसी भी बाधा से डरने वालों में से नहीं हूं। इसके साथ ही कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बोलते हुए कहा, यदि इस महीने के आखिर में हमारी तीनों मांगे नहीं मानी गई तो युवाओं के लिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन करने के लिए फिर में पूरी तरह से तैयार हूं।

इसके साथ ही सचिन पायलट ने कहा कि अपने इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मैं हर तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं। हालांकि मैंने कभी किसी के ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया, बेशक आप मुझे गाली देते रहिए लेकिन मैंने आजतक किसी के विरुद्ध एक भी अपशब्द नहीं कहा, जब बच्चों के पेपर निरस्त हो जाते हैं तो वे हताश हो जाते है, सरकार इनपर ध्यान क्यों नहीं देती ये सवाल तो पूछा जाना चाहिए ना।

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