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Who Is Ghulam Ali Khatana In Hindi: कौन हैं गुलाम अली खटाना?, लंदन में लगाए हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे, देखिए Video

Who Is Ghulam Ali Khatana In Hindi: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने दुनियाभर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की पोल खोलने के लिए सांसदों के दल भेजे हैं। बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का दल अब ब्रिटेन की राजधानी लंदन पहुंचा है। इसी दल में गुलाम अली खटाना भी हैं। गुलाम अली खटाना ने लंदन में मौजूद लोगों से जमकर हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे लगवाए। जानिए गुलाम अली खटाना कौन हैं?

लंदन। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने दुनियाभर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की पोल खोलने के लिए सांसदों के दल भेजे हैं। बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का दल अब ब्रिटेन की राजधानी लंदन पहुंचा है। लंदन में भारतीय मूल के लोगों के साथ रविशंकर प्रसाद के दल ने मुलाकात की। इसी दौरान भारतीय दल में शामिल गुलाम अली खटाना खड़े हुए और उन्होंने हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे लोगों से लगवाए। गुलाम अली खटाना ने मौजूद लोगों से कहा कि वे इतनी बुलंद आवाज में नारे लगाएं कि पूरा यूरोप सुन सके। देखिए गुलाम अली खटाना का हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे लगाने का नजारा।

अब आपको बताते हैं कि गुलाम अली खटाना कौन हैं? गुलाम अली खटाना बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं। जम्मू-कश्मीर के निवासी गुलाम अली खटाना पेशे से इंजीनियर हैं। साल 2008 में उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद वो बीजेपी से जुड़ गए। जम्मू-कश्मीर बीजेपी में गुलाम अली खटाना सचिव और वरिष्ठ उपाध्यक्ष तक रहे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर बीजेपी प्रवक्ता की भी जिम्मेदारी संभाली। वो उस रामबन इलाके से आते हैं, जहां 70 फीसदी मुस्लिम हैं। गुलाम अली जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम हैं। साल 2014 में गुलाम अली खटाना को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में स्टार प्रचारक भी बनाया था।

गुलाम अली खटाना जिस गुर्जर जाति से आते हैं, उसके ज्यादातर लोग जम्मू-कश्मीर में भेड़ और बकरी पालन का काम करते हैं। गुर्जर और बकरवाल मुस्लिमों में गुलाम अली खटाना की अच्छी पकड़ है। जम्मू-कश्मीर में गुर्जर और बकरवाल मुस्लिम कुल आबादी का 11 फीसदी से ज्यादा हैं। गुर्जर और बकरवाल समुदाय के लोग ज्यादातर जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाके में रहते हैं। अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद केंद्र सरकार ने गुर्जर और बकरवाल को जम्मू-कश्मीर में आरक्षण भी दिया है। जबकि, इससे पहले उनको सिर्फ वोट बैंक समझा जाता था। अब गुर्जर समुदाय के गुलाम अली खटाना ने लंदन में जिस तरह हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय का नारा बुलंद किया है, उससे निश्चित तौर पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी अपनी अहमियत का गर्व हो रहा होगा।

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