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Who Is That Bhole Baba In Whose Satsang There Was A Stampede? : कौन हैं वो भोले बाबा, जिनके सत्संग में ऐसी भगदड़ मची कि लग गया लाशों का अंबार

नई दिल्ली। यूपी के हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। फिलहाल मृतकों का आंकड़ा 60 के पार पहुंच गया है। जान गंवाने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। अस्पताल और सत्संग स्थल हर जगह लाशों का अंबार दिखाई दे रहा है। इस हृदय विदारक घटना को देखकर हर किसी का दिल पसीज रहा है। घायलों और मृतकों के परिजनों का बुरा हाल है। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है। हम आपको बताते हैं कौन हैं वो भोले बाबा जिनके सत्संग में इतना बड़ा हादसा हुआ है।

ये सत्संग का पोस्टर है जो क्षेत्र में जगह-जगह लगा हुआ है।

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध स्वयंभू संत का असली नाम सूरज पाल है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में इनके अनुयायी हैं। मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली गांव के रहने वाले सूरज पाल उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी करते थे। उन्होंने इंटेलीजेंस यूनिट में भी काम किया है। 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया और अध्यात्म में रम गए। कोरोना में सत्संग के बाद वो चर्चा में आए थे। हमेशा सफेद पैंट और शर्ट में रहने वाले स्वयंभू बाबा जब प्रवचन देते हैं तो उनकी पत्नी भी उनके साथ मंच पर मौजूद रहती हैं। उनके सत्संग को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम कहा जाता है।

दूसरी तरफ, हाथरस के डीएम का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। यूपी के डीजीपी और मुख्य सचिव भी मौके पर पहुंच रहे हैं। यूपी के मंत्री लक्ष्मी नारायण सिंह खुद घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि घायलों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है और सरकार जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के साथ है। मंत्री ने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इस दुर्घटना में जिन्होंने अपनों को खोया है, उन शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन सभी पीड़ितों की हरसंभव मदद कर रहा है।

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