नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस द्वारा मैराथन का आयोजन किया गया था। इस मैराथन को ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ नारे के साथ आयोजित किया गया था। झांसी में आयोजित इस मैराथन को पहले लखनऊ में आयोजित किया जाना था लेकिन कोरोना के चलत इजाजत नहीं मिली तो इसे झांसी में आयोजित किया गया। इस मैराथन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लड़कियां पहुंची थी। लेकिन इस मैराथन के खत्म होते-होते यहां चीटिंग हुई है, चीटिंग हुई है और मोदी-योगी के नारे गूंजने लगे। नाराज हुई लड़कियों के हंगामे के देखकर सभी नेता धीरे-धीरे कार्यक्रम से स्थल से खिसकते दिखाई दिए।
‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’
झांसी में कांग्रेस की मैराथन दौड़ में मोदी -योगी के नारे ?#UPElection2022 #Jhansi pic.twitter.com/IhXoOrN40F— Pratyush khare (@pratyushkkhare) December 26, 2021
दरअसल उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” की तर्ज पर लड़कियों के लिए मैराथन का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रथम स्थान पाने वाली लड़की को स्कूटी, दूसरे स्थान वाली को स्मार्टफोन और तीसरे स्थान पर पहुंची लड़कियों के लिए फेटनेस हैंड बैंड दिए जाने थे। लेकिन कार्यक्रम शुरू होते ही मंच के सामने सैकड़ों छात्राएं पहुंच गईं और चीटिंग हुई के नारे लगाने लगी। दरअसल कुछ बच्चियों ने आरोप लगाया कि मैराथन में गलत तरीके से विजेता चुना गया है। इसके बाद कहा गया कि उन्हें वीडियो दिखाया जायेगा लेकिन बच्चियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
When girls shouted “Modi…Modi” at ‘Mahila Marathon’ organised in Jhansi this reportedly happened
VC: @RheemaParashar pic.twitter.com/26cRAn0Iss— Payal Mehta/પાયલ મેહતા/ पायल मेहता/ পাযেল মেহতা (@payalmehta100) December 26, 2021
मंच के पास पहुंचकर बच्चियों ने पहले ‘चीटिंग हुई है, चीटिंग हुई है’ के नारे लगाये लेकिन जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो मोदी और योगी के नारे लगाने लगे। वहीं विजेताओं को पुरष्कार देकर नेता धीरे से वहां से चलते बने। नेताओं के जाते ही लड़कियां मंच पर चढ़ गई और जमकर हंगामा किया।
See how Congress treats little kids.. especially young women.. this is at their marathon in Jhansi !! pic.twitter.com/cwkMXl1liF
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) December 26, 2021
वहीं इस कार्यक्रम का आयोजन पहले लखनऊ में होना था लेकिन कांग्रेस की तरफ से बिना किसी परमिशन के ही प्रचार करवा दिया गया था। बाद में प्रशासन ने जब अनुमति नहीं दी तो लड़कियां वापस अपने अपने घर चली गईं। लडकियों ने कहा कि हमें इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि इस कार्यक्रम के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई है।