नई दिल्ली। वैसे तो कांग्रेस के नेता और युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी हमेशा ही अपने विदेशी यात्रा के लिए सुर्खियों में रहते है। लेकिन पीएम मोदी को भी उनके विरोधी या यू कहें बीजेपी से विपरीत विचारधारा रखने वाले लोग अक्सर ही उनके दूसरे देशों की यात्रा को लेकर घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। हांलाकि, हर कोई जानता है कि पीएम मोदी और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की विदेश यात्रा में जमीन-आसमान का अंतर होता है। एक तरफ जहां राहुल गांधी अपने व्यक्तिगत आनंद के लिए विदेश भ्रमण जाते हैं, तो वहीं, दूसरी तरफ पीएम मोदी हिंदुस्तान की विदेश नीति को मजबूत बनाने के लिए भारत के प्रतिनिधि बनकर दूसरे देशों की यात्रा करते हैं। ये तो रही राहुल गांधी और पीएम मोदी की विदेश यात्रा में अंतर की बात। अब बात करतें हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी जापान यात्रा के बारे में।
This evening, I will be leaving for Japan to take part in the second in-person Quad Summit. The Quad leaders will once again have the opportunity to discuss the various Quad initiatives and other issues of mutual interest. https://t.co/xTSH2sTYI1
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2022
पीएम की जापान यात्रा का महत्व
पीएम नरेंद्र मोदी 23 मई को दो दिवसीय यात्रा के लिए जापान की राजधानी टोक्यो जा रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह जापान क्यों जा रहे हैं? मोदी ने जापान यात्रा के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए बात करते हुए कहा कि वो जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के निमंत्रण पर क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान जा रहे हैं।
I look forward to meeting @POTUS @JoeBiden, PM @kishida230 and newly elected Australian PM @AlboMP. Our interactions will give us the opportunity to discuss bilateral relations between our respective nations and ways to further deepen developmental cooperation.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2022
इसके बाद इस यात्रा पर पीएम मोदी ने विस्तार से बात करते हुए कहा कि इस यात्रा से भारत और जापान की वैश्विक साझेदारी के रिश्ते मजबूत होंगे और इसके लिए वह बेहत उत्सुक हैं। जापान में वो दूसरे क्वाड लीडर्स समिट में व्यक्तिगत तौर पर भाग लेंगे जो कि चार क्वाड देशों के नेताओं को क्वाड के फैसलों की प्रगति और समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगा। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकास और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों के बारे में भी विचारों का भी आदान-प्रदान करेंगे।