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नेताजी के सम्मान में सरकार के ऐलान पर काम शुरू, हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर हुआ नेताजी एक्सप्रेस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती से पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने कहा है कि हावड़ा-कालका मेल (Howrah-Kalka Mail) का नाम बदलकर 'नेताजी एक्सप्रेस' कर दिया गया है। गोयल ने ट्वीट करते हुए लिखा, "नेताजी के पराक्रम ने भारत को स्वतंत्रता और विकास के एक्सप्रेस मार्ग पर पहुंचा दिया है। मैं 'नेताजी एक्सप्रेस' (Netaji Express) के साथ उनकी जयंती को मनाने के लिए रोमांचति हूं।"

pm modi netaji subash

नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर ‘नेताजी एक्सप्रेस’ कर दिया गया है। गोयल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “नेताजी के पराक्रम ने भारत को स्वतंत्रता और विकास के एक्सप्रेस मार्ग पर पहुंचा दिया है। मैं ‘नेताजी एक्सप्रेस’ के साथ उनकी जयंती को मनाने के लिए रोमांचति हूं।”

जब केंद्र सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया कि हर साल 23 जनवरी को नेताजी की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा, इसके बाद ही 19 जनवरी को ट्रेन के नाम को बदलने का आदेश पारित किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर 23 जनवरी को पश्चिम बंगाल जाने वाले हैं। इसके साथ ही कई और मंत्रालयों ने भी नेताजी के नाम पर कई और संस्थाओं के नामकरण और अन्य की घोषणा की है। नेताजी के स्मरणोत्सव का उद्घाटन समारोह 23 जनवरी 2021 को कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल में होगा जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे। इस अवसर पर नेताजी के उपर एक स्थायी प्रदर्शनी और प्रोजेक्शन मैपिंग शो का उद्घाटन किया जाएगा। नेताजी की थीम पर आधारित “अमरानुतनजूबोनेरीदूत” का भी आयोजन किया जाएगा। प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि इस दिन एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। उसी दिन कोलकाता के नेशनल लाइब्रेरी में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘री-विजिटिंग द लेगेसी ऑफ नेताजी सुभाष इन 21 सेंचुरी’और एक आर्टिस्ट कैंप का आयोजन किया जा रहा है।

एक दिन पहले केंद्र सरकार ने लिया था बड़ा फैसला, अब हर साल मनाई जाएगा ‘पराक्रम दिवस’

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है। दरअसल सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) का जन्मदिन मनाने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार अब हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के के रूप में मनाएगी। यह जानकारी खुद केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दी है। बता दें कि सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया है जब बंगाल में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मोदी सरकार इस बार नेताजी की 125वीं जयंती को यादगार तरीके से मनाने की दिशा में जोर शोर से जुटी है। गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए मोदी सरकार एक उच्च स्तरीय समिति भी बीते दिनों गठित कर चुकी है।

संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा और सम्मान को याद रखने के लिए, भारत सरकार ने देशवासियों, विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करने के लिए उनके 23 जनवरी को आने वाले जन्मदिवस को हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। नेताजी ने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देशवासियों में देशभक्ति की भावना जगाई।’

बता दें कि हाल ही में संस्कृति मंत्रालय ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के आयोजन को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी की थी। इसमें राजनेताओं के अलावा लेखक, इतिहासकार सहित आजाद हिंद फौज से जुड़े प्रतिष्ठित लोगों को भी शामिल किया गया है।

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