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Wrestler Vinesh Phogat: पहलवान विनेश फोगाट ने किया पीएम मोदी का अपमान! कविता के जरिए बताया अंधा-बहरा

pm modi and vinesh phogat

नई दिल्ली। बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाले पहलवानों में शामिल विनेश फोगाट ने पीएम नरेंद्र मोदी का अपमान कर दिया है! दरअसल, विनेश फोगाट ने कवि पुष्यमित्र उपाध्याय की मशहूर कविता ‘उठो द्रौपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे’ को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। बीते कल यानी शुक्रवार की रात 11 बजे के बाद ये कविता विनेश फोगाट ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया और #WeWantJustice हैशटैग के साथ हाथ जोड़ने वाली इमोजी लगाकर शेयर किया। पुष्यमित्र उपाध्याय की कविता को विनेश फोगाट ने शेयर तो कर दिया, लेकिन उन्होंने शायद ये नहीं देखा कि इसकी कुछ पंक्तियां पीएम मोदी का भी अपमान करती हैं। पहले आप देखिए कि पुष्यमित्र उपाध्याय की कविता, जिसे विनेश फोगाट ने ट्वीट किया है।

अब इस कविता की पंक्तियों पर गौर करिए। इसमें राजा को अंधा, गूंगा और बहरा बताया गया है। राजा के कानों पर भी पहरा होने की बात कही गई है। पुष्यमित्र उपाध्याय की इस कविता में अखबारों यानी मीडिया को बिका हुआ और सरकार को दु:शासन और शर्म न होने वाला बताया गया है। बता दें कि इससे पहले जब विनेश फोगाट ने साथी पहलवानों साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था, उस वक्त भी वहां मोदी तेरी कब्र खुदेगी जैसे आपत्तिजनक नारे लगे थे। तब विनेश, साक्षी और बजरंग ने कहा था कि उनको नहीं पता कि किसने ये नारे लगाए। दिल्ली पुलिस ने भी पीएम की कब्र खोदने की बात कहे जाने के मामले में इन लोगों को क्लीनचिट दे दी थी।

कवि पुष्यमित्र उपाध्याय। जिन्होंने ‘उठो द्रौपदी शस्त्र उठा लो’ कविता लिखी है।

विनेश फोगाट ने जिन कवि पुष्यमित्र उपाध्याय की कविता अपने ट्विटर हैंडल पर साझा की है, वो खुद 2021 में अपनी इस कविता का राजनीतिक उपयोग करने के खिलाफ बयान दे चुके हैं। तब प्रियंका गांधी और दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधने के लिए पुष्यमित्र की कविता का इस्तेमाल किया था। ऐसे में पुष्यमित्र ने मीडिया से कहा था कि उन्होंने तो निर्भया प्रकरण से आहत होकर गंभीर सामाजिक स्थितियों को दिखाने के लिए कविता लिखी है, लेकिन इसका राजनीति इस्तेमाल कविता की भावना को सीमित करने वाला है। उन्होंने तब ये भी कहा था कि उनकी कविता का बार बार दुरुपयोग हो रहा है।

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