नई दिल्ली। पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद एक बार फिर उत्तर भारत, पश्चिमी भारत, पूर्वी भारत और मध्य भारत में गर्मी लगातार बढ़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार अब इन इलाकों में अगले कई दिन तेज गर्मी का सामना लोगों को करना होगा। मौसम विभाग ने दिल्ली और एनसीआर में हीटवेव का यलो अलर्ट भी जारी किया है। वहीं, मॉनसून के बारे में अच्छी खबर भी दी है।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 31 मई तक केरल पहुंच सकता है। मॉनसून पर ही देश के 52 फीसदी किसान निर्भर रहते हैं। पनबिजली के उत्पादन और जलाशयों को भरने में भी मॉनसून की बारिश का बड़ा योगदान रहता है। मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून के केरल पहुंचने की तारीख जल्दी नहीं, बल्कि सामान्य है। केरल में आमतौर पर 1 जून को दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून पहुंचता है। मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पिछले 150 साल में मॉनसून के पहुंचने की तारीख में बदलाव देखा जाता रहा है। साल 1918 में मॉनसून 11 मई को ही केरल पहुंच गया था, लेकिन 1972 में ये 18 जून को पहुंचा था।
मौसम विभाग के अनुसार 2023 में मॉनसून 8 जून को केरल पहुंचा। वहीं, 2022 में 29 मई, 2021 में 3 जून और 2020 में ये 1 जून को केरल आया था। मौसम विभाग ने पहले ही भविष्यवाणी की है कि इस बार मॉनसून के दौरान औसत से ज्यादा बारिश होने वाली है। मॉनसून के कारण भारत में जून से सितंबर के मध्य तक बारिश होती है। मॉनसून के दौरान सबसे ज्यादा बारिश जून और जुलाई में होती देखी जाती है। इसी दौरान किसान अपनी खरीफ की फसल यानी धान की बोवाई करते हैं। ऐसे में अगर मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 31 मई तक मॉनसून केरल पहुंच जाता है, तो बाकी देश में भी इसके छाने में ज्यादा वक्त नहीं लगने वाला है।