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यस बैंक मामला : सीबीआई ने मुंबई में 7 स्थानों पर मारे छापे

मुंबई। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में सात ठिकानों की तलाशी ली। सीबीआई ने किन ठिकानों की तलाशी ली, उनके बारे में सटीक जानकारी अब तक नहीं मिली है, लेकिन एजेंसी सूत्रों पुष्टि की है कि ये सभी ठिकाने एफआईआर में दर्ज अभियुक्तों से संबंधित हैं।

सीबीआई का यह कदम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रविवार को कपूर की गिरफ्तारी के बाद आया है, जिसमें ईडी ने डीएचएफएल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कपूर से 30 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। बाद में उन्हें मुंबई की एक अदालत ने तीन दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।

सीबीआई ने रविवार को यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेश और सीईओ, डीएचएफएल और वधावन के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में डूइट अर्बन वेंचर लिमिटेड का नाम भी लिया है।

प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि कपूर ने डीएचएफएल के जरिए अन्य कंपनियों के माध्यम से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए वित्तीय सहायता लेकर “पर्याप्त अनुचित लाभ” प्राप्त किया है। इस मामले को सीबीआई की बीएस एंड एफसी की विशेष इकाई देख रही है, जो कि देश भर में बैंक धोखाधड़ी के मामलों को देखती है।

सीबीआई ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर की जांच शुरू कर दी है, जिसके लिए यस बैंक ने अप्रैल से जून 2018 तक 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह जांच यस बैंक की डीएचएफएल से डिबेंचर की खरीद से संबंधित एक और जांच का हिस्सा है, जिसके खिलाफ कंपनी को 40 करोड़ रुपये की कोलैटरल प्रतिभूति के बदले 600 करोड़ रुपये के ऋण की अनुमति दी गई थी।


आरोप है कि डीएचएफएल के वधावन ने कपूर को एक साथ डूइट अर्बन वेंचर्स, उनकी बेटियों -राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर के स्वामित्व वाले उपक्रम में 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया। यह भी आरोप है कि यस बैंक ने डीएचएफएल को दिए गए ऋणों की वसूली के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की।

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