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Uttar Pradesh: एक बार फिर प्रदेश के हुनरमंदों को सलाम करेगी योगी आदित्यनाथ सरकार, देगी सम्मान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी दिवस के अवसर पर 24 जनवरी को हुनरमंदों का सम्मान करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर वर्ष 2018 से शुरू इस दिवस का यह चौथा आयोजन होगा। यूपी की इस खूबी का आप जी भरकर दीदार कर सकते हैं। वह भी 23 जनवरी से 4 फरवरी तक। राजधानी का अवध शिल्प ग्राम पलक-पावड़े बिछाकर आपके स्वागत के लिए तैयार है। यहां हापुड़ के जायकेदार पापड़ के साथ आपकी कॉफी का स्वाद और जायकेदार हो जाएगा। जाते-जाते दाल के तड़के के लिए हाथरस की हींग भी ले जा सकते हैं।

सुबह-शाम मुंह मीठा करने के लिए 100 से अधिक जायके में उपलब्ध मुजफ्फरनगर के गुड़, बच्चों को देने के लिए झांसी के खिलौने, किसी खास को देने या खुद के पहनने के लिए बनारस की रेशमी साड़ियों के अलावा, लखनऊ के चिकन के कपड़े, मुरादाबाद के पीतल के उत्पाद, गोरखपुर का टेराकोटा, भदोही की कालीन, पीलीभीत की बांसुरी के साथ सभी 75 जिलों के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तमाम विकल्प आपके सामने होंगे। चुनना आपकी मर्जी है। यहां इन उत्पादों की प्रदर्शनी भी होगी, साथ ही ब्रांडिंग भी। हर जिले के उत्पादों का बाजार सजकर अलग अलग तैयार है।

इसके अलावा इस मौके पर हुनरमंदों और उद्यमियों को मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान होगा। इसके साथ ही इनको उत्पादन क्षमता और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सम्मान के साथ संसाधन भी मिलेगा। इस क्रम में दोना-पत्तल बनाने की सेमी ऑटोमेटिक मशीन, बिजली से बनने वाले कुम्हारी चाक, मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सोलर चरखे, विश्वकर्मा श्रम सम्मान के तहत पेशे के अनुसार उन्नत टूल किट भी दिए जाएंगे। प्रतीकात्मक रूप से कुछ को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौके पर सम्मानित करेंगे। बाकी लोगों का इस अवसर पर जिला स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से यह सम्मान मिलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री एमएसएमई एप भी लांच करेंगे। एमएसएमई विभाग के साथ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, आईसीआईसीआई और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमोओयू) भी साइन होगा। साथ ही एमएसएमई इकाइयों को लोन वितरण का कार्यक्रम भी होगा।

अपर मुख्य सचिव सूचना, एमएसएमई नवनीत सहगल ने कहा कि ओडीओपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना है। इसके जरिए स्थानीय हुनरमंदों (हस्तशिल्पियों और इनसे जुड़े उद्यमियों) के हुनर की पहचान और मुकम्मल होगी। स्थानीय स्तर पर रोजी-रोटी के मौके बढ़ेंगे। यह आयोजन इनके उत्पादों की ब्रांडिंग का जरिया बनेगा।

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