लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर मचे विवाद के बीच आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। एक प्रेस कांफ्रेंस में योगी ने कहा कि जब यूपीए की सरकार थी उस समय उन्होंने पाठ्यपुस्तकों में एक कार्टून छपवाया, जिसमें बाबा साहब को पंडित नेहरू द्वारा कोड़े मारने का चित्र दर्शाया गया था। वह कांग्रेस की कुत्सित मानसिकता को दिखाता है। बाद में जब विरोध हुआ तो तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को माफी मांगनी पड़ी थी और पुस्तकों को वापस लिया गया था।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "जब यूपीए की सरकार थी उस समय उन्होंने पाठ्यपुस्तकों के उस कार्टून को जिसमें बाबा साहब को पंडित नेहरू द्वारा कोड़े मारने का चित्र दर्शाया गया था। वह कांग्रेस की मानसिकता को दिखाता है। बाद में जब विरोध हुआ तो तत्कालीन मानव… <a href=”https://t.co/WbW2O8W09G”>pic.twitter.com/WbW2O8W09G</a></p>— IANS Hindi (@IANSKhabar) <a href=”https://twitter.com/IANSKhabar/status/1871515103461519522?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 24, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
यूपी सीएम बोले, कौन नहीं जानता है, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को पहला आम चुनाव 1952 में और उपचुनाव हराने का काम भी कांग्रेस ने ही किया था। यहां कि पंडित नेहरू बाबा साहेब के विरोध में प्रचार करने के लिए गए। जब भीमराव आंबेडकर भंडारा से चुनाव लड़ने गए तो उनको वहां भी कांग्रेस ने पराजित कराया। कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि आंबेडकर संसद जाएं और दलितों तथा वंचितों की आवाज बनें। कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब को अपमानित करने का काम किया है। कांग्रेस ने बाबा साहेब के सबसे करीबी सहयोगी नारायण काजरोलकर को ही तोड़कर उनके खिलाफ चुनाव मैदान में खड़ा करा दिया।
योगी ने कहा, काजरोलकर को 1970 में कांग्रेस ने पद्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। बाबा साहेब के परिनिर्वाण के बाद कांग्रेस ने कहीं भी उनका स्मारक नहीं बनने दिया। बीजेपी ने बाबा साहेब से जुड़े पंच तीर्थ विकसित किए। कांग्रेस ने बाबा साहेब को पद्म पुरस्कार तक नहीं मिलने दिया। भारत रत्न भी बाबा साहेब को उस सरकार में मिला जिसे बीजेपी सपोर्ट कर रही थी। कांग्रेस का इतिहास इसी से समझा जा सकता है। बाबा साहेब आंबेडकर को जब पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और पंडित नेहरू को दलितों और वंचितों की नहीं मुसलमानों की चिंता है।