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भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार कर रही जीरो टॉलरेंस नीति पर काम

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार भ्रष्टाचार (Corruption) के किसी भी मामले में समझौता करने को तैयार नहीं है।

CM Yogi Adityanath

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार भ्रष्टाचार (Corruption) के किसी भी मामले में समझौता करने को तैयार नहीं है। योगी सरकार इस मामले पर पूरी तरह से एक्शन मोड (Action Mode) में नजर आ रही है। योगी सरकार की एक्शन का ही नतीजा है कि प्रदेश में कई अधिकारियों के ऊपर गाज गिर चुकी है। कई अधिकारियों को तबादले का सामना करना पड़ रहा है। इस पूरे प्रकरण में सीएम योगी आदित्यनाथ खुद से नजर बनाए हुए हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद सुल्तानपुर (Sultanpur) तथा गाजीपुर (Ghazipur) सहित कुछ अन्य जनपदों की कई ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर तथा इन्फ्रारेड थर्मामीटर की बाजार मूल्य से अधिक दर पर खरीद किए जाने के प्रकरण को अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुए इस मामले की जांच हेतु एसआईटी के गठन के निर्देश दिए हैं।

शासन द्वारा यह एसआईटी अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में गठित की गई है। सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग अमित गुप्ता तथा सचिव नगर विकास एवं एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को इस एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। एसआईटी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगी।

ज्ञात हो कि शासन द्वारा कोविड-19 की रोकथाम हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा सेनेटाइजर का एक सेट राज्य वित्त आयोग की धनराशि से क्रय किए जाने के निर्देश शासनादेश संख्या 1596/33-3-2020-114/2012 दिनांक 23 जून, 2020 के माध्यम से निर्गत किए गए थे। जनपद सुल्तानपुर और गाजीपुर के साथ कुछ अन्य जनपदों में कतिपय ग्राम पंचायतों में बाजार मूल्य से अधिक इन उपकरणों को क्रय किए जाने की जानकारी शासन को प्राप्त हुई थी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी ने सदैव इस बात पर विशेष बल दिया है कि भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर यदि किसी अनियमितता की जानकारी प्राप्त होती है,  तो प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।

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