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पूर्व PM वाजपेयी के पैतृक गांव का होगा कायाकल्प, CM योगी शुरू करेंगे 14 करोड़ की विकास परियोजनाएं

CM yogi Namsate

नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन दिसंबर की 25 तारीख को मनाया जाता है। इस बार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 25 दिसंबर को खास बनाने के लिए आगरा जिले में स्थित पूर्व पीएम वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर (Bateshwar) में 14 करोड़ रुपये की विकास परियोजना का शुभारंभ करने का प्लान बनाया है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी संस्कृति संकुल केंद्र’ का उद्घाटन करेंगे। योगी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास परियोजनाओं के शुभारंभ से पूर्व पीएम के पैतृक गांव कायाकल्प हो सकेगा। बता दें कि ‘भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी संस्कृति संकुल केंद्र’ में एक ओपन थिएटर (Open theater), पुस्तकालय (Library), बच्चों के लिए जॉय राइड (Joy Ride) के साथ एक पार्क की व्यवस्था होगी। इसके अलावा यह केंद्र अन्य सुविधाओं से भी लैस होगा।

गांव में रोशनी को लेकर योगी सरकार ने प्लान किया है कि, गांव में हाई मास्ट एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी। आगरा (Agra) के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने इन विकास परियोजनाओं को लेकर बताया कि, “दिवंगत प्रधानमंत्री के पैतृक गांव में मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे। जिसमें उत्तर प्रदेश स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (UPSCIDC) द्वारा कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। केंद्र दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को चित्रित करेगा।”

इस परियोजना में बटेश्वर गांव में सांस्कृतिक केंद्र के लिए लगभग 3,500 वर्ग मीटर भूमि को स्वीकृति दी गई है। इसमेंं बच्चों के लिए एक आधुनिक लाइब्रेरी होगी, थिएटर और खेलने की जगह विकसित की जाएगी। बता दें कि उम्मीद है कि इस काम को पूरा होने में दो साल का समय लग सकता है। जिसमें सभी आवश्यक व्यवस्थाएं हैं। गौरतलब है कि बटेश्वर में ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की थी। हालांकि, वह गांव अंतिम बार 1999 में गए थे, लेकिन वे गांव के लोगों से हमेशा जुड़े रहे।

वाजपेयी के भतीजे रमेश (Ramesh) ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री हलाका बाग (Halaka Bagh) के आसपास अपने दोस्तों के साथ खेला करते थे और वहां कच्चे आम का स्वाद लेते थे। एक ग्रामीण ने कहा, “वह यमुना में तैरने के शौकीन थे. जिस प्राइमरी स्कूल में अटल ने पढ़ाई की, वह बाजार से होकर गुजरने वाले मार्ग पर है।”

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