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Indian Football FIFA Ban: राजनीति और प्रफुल्ल पटेल की जिद ने भारतीय फुटबॉल पर खड़ा कर दिया दुखों का पहाड़

parfull patel

नई दिल्ली। बीते दो दिनों से भारतीय फुटबॉल पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस हिसाब से माना जा रहा है कि भारतीय फुटबॉल आज तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल इस हालात के लिए जिम्मेदार हैं। इस खेल में राजनीति और नियमों की अनदेखी के चलते भारतीय फुटबॉल में बेइज्जती का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए फीफा ने थर्ड पार्टी के अनुचित प्रभाव की बात को कहकर बीते सोमवार की रात को एआईएफएफ यानी भारतीय फुटबॉल संघ को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा फीफा ने अक्टूबर में भारत में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी भी छीन ली है। ऐसा नहीं है कि ये सब प्रतिबंध अचानक से लगा है। दरअसल, इसकी शुरुआत दिसंबर 2021 से हो गई थी।

प्रफुल्ल पटेल हैं जिम्मेदार

हर कोई फीफा द्वारा भारतीय फुटबॉल पर लगाए गए इन प्रतिबंधों के लिए पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को जिम्मेदार मान रहा है। इसकी वजह है पटेल के तीसरे कार्यकाल के समाप्त होने के बावजूद भी पद ना छोड़ना। बता दें कि भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के पूर्व अध्यक्ष ने अपना तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में समाप्त हो गया था, इसके बावजूद भी उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था। उस वक्त पटेल ने हाई कोर्ट में साल 2017 से लंबित पड़े मामले का सहारा लेकर सुप्रीम कोर्ट में नए संविधान को लेकर मसला सुलझने तक चुनाव कराने से इंकार कर दिया था। जानकारी के लिए बता दें कि खेल संहिता में बताया गया है कि राष्ट्रीय खेल महासंघ में कोई व्यक्ति अधिकतम 12 साल तक अपने पद में रह सकता है। इस अवधि को प्रफुल्ल पटेल ने पूरा कर लिया था, बावजूद इसके वो अपना पद छोड़ने को तैयार नहीं थे। इसके बाद ही ये मामला कोर्ट में गया और उससे हस्तक्षेप की मांग की गई। इन सब के बाद फीफा ने तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी को देखते हुए एआईएफएफ को निलंबित कर दिया।

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