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Pegasus Row: Apple ने इजरायली कंपनी पर कराया केस, iPhone यूजर्स की जासूसी का आरोप

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अटलांटा। आईफोन बनाने वाली दिग्गज टेक कंपनी एप्पल ने इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस बनाने वाली कंपनी एनएसओ ग्रुप पर केस कराया है। ये केस अमेरिका के कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में किया गया है। एप्पल का आरोप है कि एनएसओ ग्रुप ने साइबर निगरानी मशीन बनाई है और इसका दुरुपयोग हो रहा है। साथ ही एप्पल ने आरोप लगाया है कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिए आईफोन रखने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। एप्पल ग्राहकों की एक छोटी संख्या को दुनियाभर में पेगासस के जरिए निशाना बनाए जाने की बात इस केस में कही गई है। एप्पल के सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के सीनियर वीपी क्रेग फेडेरिघी ने एनएसए ग्रुप को इजरायल सरकार की ओर से प्रायोजित बताया है। उनका आरोप है कि बिना किसी जवाबदेही के निगरानी की तकनीक पर लाखों डॉलर खर्च हो रहे हैं और इसे बदलने की जरूरत है।

उधर, एनएसओ ग्रुप कई बार गलत काम करने के आरोपों से इनकार कर चुका है। एनएसओ हमेशा दलील देता है कि उसके स्नूपिंग यानी जासूसी और निगरानी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सरकारें करती हैं और इससे आतंकवाद औऱ अपराध करने वालों पर नजर रखी जाती है। एप्पल के केस पर अभी एनएसओ ने कुछ नहीं कहा है। बता दें कि एनएसओ पर सोशल मीडिया की कंपनी फेसबुक ने भी केस कराया है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने भी एनएसओ को बीते दिनों ब्लैकलिस्ट किया था। कुछ ही वक्त पहले सुरक्षा शोधकर्ताओं ने पाया था कि दुनिया भर में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और यहां तक ​​कि कैथोलिक पादरियों के फोन में सेंध लगाने के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया जा रहा था। भारत में भी इस पर काफी चर्चा थी और विपक्ष ने इसके लिए मोदी सरकार को जमकर निशाने पर लिया था।

मोदी सरकार भले ही विपक्ष के निशाने पर आई, लेकिन उसने संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कहा था कि उसने कुछ गलत नहीं किया। अब सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए एक्सपर्ट्स की एक कमेटी बनाई है। इस मामले में अगले साल की शुरुआत में कोर्ट का फैसला आ सकता है।

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