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भारत के खिलाफ ‘फेक न्यूज’ फैलाने पर फेसबुक की बड़ी कार्रवाई, उड़ाए पाकिस्तान के 103 पेज और 78 ग्रुप्स

नई दिल्ली। भारत(India) के खिलाफ सोशल मीडिया(Social Media) पर फेक न्यूज फैलाने के आरोप में पाकिस्तान(Pakistan) को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। बता दें कि फेसबुक(Facebook) ने पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे 103 पेज, 78 ग्रुप्स और 453 अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया। इन अकाउंट्स से भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चलाया जा रहा था।

स्टेनफोर्ड इंटरनेट ऑब्जरवेट्री (एसआईओ) की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने एक ट्वीट में इस रिपोर्ट को शेयर किया है। ट्वीट में कहा गया- पाकिस्तान से भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है। गलत जानकारी और खबरें चलाई जा रही हैं। फेसबुक ने भी पाकिस्तान से हो रही इन हरकतों पर सख्त रुख अपनाया। वहां के कई अकाउंट और ग्रुप्स के साथ पेज भी हटा दिए गए हैं।

पाकिस्तान की इस नापाक हरकत को लेकर यूएन में भारत के परमानेंट मिशन के ट्विटर हैंडल पर कहा गया- भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चला जा रहा है। यहां फेक न्यूज और गलत जानकारियां हैं। एसआईओ की यह रिपोर्ट पढ़नी चाहिए कि किस तरह जानबूझकर ये गलत प्रचार किया जा रहा है। दुनिया के सामने सच्चाई आ चुकी है।

वहीं इसको लेकर एसआईओ ने एक रिपोर्ट भी जारी की है। इसमें बताया गया है कि पाकिस्तान से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर किस तरह की गलत जानकारियां दी जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक- फेसबुक ने भारत में दंगे कराने के लिए फेक न्यूज(FakeNews) फैलाने वाले 453 फेसबुक अकाउंट, 103 पेज और 78 ग्रुप के अलावा 107 इंस्टाग्राम अकाउंट बंद कर दिए हैं। ये सभी पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे और भारत और भारतीय सेना को लेकर फेक न्यूज़ फैला रहे थे। इनमें से कुछ के फॉलोवर्स लाखों में थे।

रिपोर्ट में साफ तौर कहा गया है कि किस तरह पाकिस्तान भारत विरोधी नेटवर्क काम कर रहा है। भारत सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना और सरकार का विरोध करने वाले लोगों को भी निशाना बनाया जाता है। कई पेज और ग्रुप्स ऐसे हैं जो आईएसआई, सेना और सत्तारूढ़ पार्टी पीटीआई की तारीफ करने के लिए ही क्रिएट किए गए हैं। अप्रैल 2019 में भी फेसबुक ने इस तरह के कई अकाउंट सस्पेंड किए थे। इनका संबंध आईएसआई से पाया गया था। पाकिस्तान के कुछ नेता भी इन ग्रुप्स से जुड़े हुए हैं।

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