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China: चीन के Kimi k1.5 की एंट्री से हिली AI की दुनिया, DeepSeek और OpenAI को मिलने वाली है कड़ी टक्कर

China: Kimi k1.5 को रिइंफोर्समेंट लर्निंग और मल्टीमॉडल रीजनिंग तकनीक के आधार पर तैयार किया गया है। इसका मतलब यह है कि यह AI न केवल टेक्स्ट समझ सकता है, बल्कि विज़ुअल डेटा और कोड्स को भी प्रोसेस कर सकता है। यह मॉडल अन्य AI सिस्टम्स की तुलना में अधिक उन्नत तरीके से समस्याओं को हल करने में सक्षम है। इसकी खासियत यह है कि यह किसी समस्या को छोटे-छोटे स्टेप्स में विभाजित करके समाधान निकालता है।

नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अब तक अमेरिका की कंपनियों का दबदबा था, लेकिन चीन की तेजी से बढ़ती तकनीकी प्रगति ने इस वर्चस्व को चुनौती देना शुरू कर दिया है। पहले DeepSeek R1 ने अमेरिकी बाजार में हलचल मचा दी थी और अब चीन का नया AI प्लेटफॉर्म Kimi k1.5 बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

क्या है Kimi k1.5?

बीजिंग स्थित स्टार्टअप Moonshot AI का नया मॉडल Kimi k1.5 हाल ही में लॉन्च किया गया है। इसे OpenAI के GPT-4o और Anthropic के Claude 3.5 Sonnet के मुकाबले अधिक उन्नत माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मॉडल गणित, कोडिंग और अन्य जटिल समस्याओं को हल करने में बेहद सक्षम है। Kimi k1.5 टेक्स्ट के साथ-साथ फोटो और वीडियो को भी समझने में माहिर है, जिससे यह अमेरिकी AI कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

कैसे करता है काम?

Kimi k1.5 को रिइंफोर्समेंट लर्निंग और मल्टीमॉडल रीजनिंग तकनीक के आधार पर तैयार किया गया है। इसका मतलब यह है कि यह AI न केवल टेक्स्ट समझ सकता है, बल्कि विज़ुअल डेटा और कोड्स को भी प्रोसेस कर सकता है। यह मॉडल अन्य AI सिस्टम्स की तुलना में अधिक उन्नत तरीके से समस्याओं को हल करने में सक्षम है। इसकी खासियत यह है कि यह किसी समस्या को छोटे-छोटे स्टेप्स में विभाजित करके समाधान निकालता है।

क्या है खास?

Kimi k1.5 पारंपरिक AI मॉडल्स से काफी अलग है।

चीन की बढ़ती AI ताकत

Kimi k1.5 की एंट्री से साफ हो गया है कि चीन अब AI की दुनिया में एक बड़ी ताकत बनकर उभर रहा है। DeepSeek R1 के बाद, Kimi k1.5 ने अमेरिकी AI कंपनियों के लिए चुनौती पेश कर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि OpenAI और अन्य अमेरिकी कंपनियां इस चीनी AI से कैसे मुकाबला करती हैं।

 

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