नई दिल्ली। किसान आंदोलन का मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। पंजाब के गौरव लूथरा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार को आदेश देने की मांग की है कि सभी राज्यों के बॉर्डर खोले जाएं। याचिका में कहा गया है कि बॉर्डर बंद रखना नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर कल सुनवाई कर सकता है।
क्या है याचिका में मांग?
गौरव लूथरा द्वारा दायर याचिका में शंभू बॉर्डर सहित अन्य सभी बॉर्डर को खोलने की मांग की गई है। याचिका में तर्क दिया गया है कि बॉर्डर बंद होने से आम जनता के आवाजाही का अधिकार बाधित हो रहा है। इसे संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया है।
किसान आंदोलन का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को करेगा सुनवाई
शंभू बॉर्डर खोलने के लिए निर्देश की मांगWatch : https://t.co/a73ow232qu #SupremeCourtofIndia #KisanAndolan #ShambhuBorder #Bharat24Digital @iPriyaSinha… pic.twitter.com/cC9JZSnuXo
— Bharat 24 – Vision Of New India (@Bharat24Liv) December 8, 2024
किसान आंदोलन के ताजा हालात
शुक्रवार को दिल्ली कूच की कोशिश के बाद रविवार को एक बार फिर से 101 किसानों के जत्थे ने दिल्ली मार्च की कोशिश की। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं। किसान नेताओं का कहना है कि इस कार्रवाई में कम से कम नौ किसान घायल हुए हैं। इनमें से एक गंभीर रूप से घायल किसान को चंडीगढ़ के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) में भर्ती कराया गया है।
#WATCH | Drone visuals from the Haryana-Punjab Shambhu Border where the farmers are protesting over various demands.
According to farmer leader Sarwan Singh Pandher, a ‘Jattha’ of 101 farmers will march towards Delhi today at 12 noon. pic.twitter.com/sD53uJ4lQe
— ANI (@ANI) December 8, 2024
सरवन सिंह पंढेर का बयान
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों की सख्ती के बाद किसानों का जत्था फिलहाल वापस बुला लिया गया है। उन्होंने कहा, “रविवार को आंदोलन अस्थाई रूप से स्थगित किया गया है। सोमवार को किसान संगठनों की बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।”
कैसे हुआ रविवार का विरोध प्रदर्शन?
रविवार को दोपहर में शंभू बॉर्डर पर किसानों का जत्था फिर से दिल्ली की ओर मार्च के लिए निकला। शुरुआत में सुरक्षाकर्मियों ने किसानों को पानी पिलाया और फूल बरसाकर स्वागत किया। लेकिन जब किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं। इससे प्रदर्शनकारियों को पीछे हटना पड़ा।
किसानों की स्थिति पर सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने कहा है कि वह किसानों की मांगों पर चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली कूच की इजाजत नहीं दी जा सकती। सोमवार को किसान संगठनों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। किसान नेता सरवन सिंह ने कहा कि सरकार के साथ उनके मुद्दों का हल निकालने के लिए वह तैयार हैं, लेकिन सरकार की सख्ती से आंदोलन और तेज हो सकता है।
किसानों का आरोप: सरकार कर रही है दमन
किसान नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी आवाज दबाने के लिए दमनकारी तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को किसानों की बात सुनने और उनके हक में फैसला लेने की जरूरत है।