नई दिल्ली/बीजिंग। भारत और चीन के बीच एलएसी के मसले पर तनाव जारी है। इसके बीच चीन से जुड़ी दो अहम खबरें आई हैं। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक चीन लगातार एलएसी के पास हवाई ताकत बढ़ाने में जुटा है। अखबार की खबर बताती है कि चीन ने होतान, न्गारी गुनसा और ल्हासा में नए रनवे और लड़ाकू विमानों के नए शेल्टर बनाए हैं। चीन से आई दूसरी खबर ये खुलासा कर रही है कि मोदी सरकार के दौर में चीन की बड़ी आबादी में भारत से खौफ काफी बढ़ गया है।
दूसरी बड़ी खबर चीन की जनता से जुड़ी है। चीन में हाल में किए गए एक सर्वे से ये बात सामने निकलकर आई है कि वहां के 92 फीसदी लोग भारत से खतरा महसूस करते हैं। चीन में सिर्फ 8 फीसदी लोगों का कहना है कि उनको भारत से कोई डर नहीं लगता। चीन की जनता के बड़े हिस्से में भारत के प्रति डर पिछले 3 साल में आया है। ये सर्वे शिंघुआ यूनिवर्सिटी ने कराया है। इससे पहले शिंघुआ यूनिवर्सिटी ने साल 2020 में भी ऐसा ही सर्वे कराया था। तब 27 फीसदी लोगों ने कहा था कि भारत अच्छा पड़ोसी देश है। उस सर्वे में 73.6 फीसदी चीन के नागरिकों ने भारत को खतरा बताया था। अब बीते 3 साल में चीन के लोगों में भारत के प्रति खौफ बढ़ने का खुलासा ताजा सर्वे से हो रहा है। इसकी बड़ी वजह ये है कि 2020 में गलवान घाटी में चीन के सैनिकों को जिस तरह भारत ने संघर्ष में मार गिराया, उससे लोगों को शायद लगने लगा है कि भारत अब वैसा नहीं रहा, जैसा 1962 की जंग के वक्त था। भारत की तरफ से दिया गया मुंहतोड़ जवाब अब चीन के लोगों को गंभीर लगने लगा है।
गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने एलएसी पारकर कब्जा जमाने की कोशिश की थी। तब कर्नल बी. सुरेश बाबू के नेतृत्व में भारतीय जवानों ने उनको चैलेंज किया था। दोनों पक्षों के बीच जमकर संघर्ष हुआ था। जिसमें कर्नल बाबू समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। जबकि, अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक और अफसरों की मौत हुई थी। तभी से चीन और भारत के बीच एलएसी पर तनातनी जारी है।