नई दिल्ली। पाकिस्तान में मौजूद आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी लीटर मक्की ने लाहौर की कोट लखपत जेल से एक वीडियो शेयर किया है। इसमें वह साफ तौर पर कहते हुए सुना जा सकता है कि उसका अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से कोई भी संबंध नहीं है। जैसे ही उसे ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया उसकी सारी हेकड़ी बाहर निकल गई। मक्की ने कहा कि वह अल-कायदा और ISIS के विचारों व कार्यों से पूरी तरह सहमत नहीं है। उसने कहा, ‘मैं यह भी साफ कर देना चाहता हूं कि मैं ओसामा बिन लादेन, अयमान अल-जवाहिरी या अब्दुल्ला आजम जैसे व्यक्तियों के विचारों का समर्थन नहीं करता। मैंने तो अपने अकादमिक जीवन में हमेशा उनके कामों का विरोध किया है। मैं किसी भी तरह से उनका समर्थन नहीं करता।”
आपको बता दें कि ग्लोबल आतंकी घोषित हो चुके अब्दुल रहमान मक्की ने 1980 के दशक में इस्लामिक यूनिवर्सिटी इस्लामाबाद का फैकल्टी मेंबर होने के आरोपों से इनकार किया, जहां उन पर अल-कायदा के नेताओं या अफगान कमांडरों से मिलने का आरोप लगाया गया था। उसने कहा, ‘मैंने किसी भी प्रकार की हिंसा, आतंकवाद या अंधाधुंध हत्याओं का समर्थन नहीं किया है। इस तरह की कार्रवाइयों में भाग लेना या प्रोत्साहित करना तो दूर की बात है। इसलिए, मैं दोहराता हूं कि मेरा ऐसे किसी व्यक्ति या संगठन से कोई संबंध नहीं है, जिसका मेरे ऊपर आरोप लगाया जा रहा है।’ अब्दुल रहमान मक्की ने कश्मीर को पाकिस्तान राष्ट्रीय समस्या बताया है।
आपको बता दें कि कि कुछ दिनों पहले ही संयुक्त राष्ट्र ने अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल आतंकवादी घोषित किया दिया है। मक्की को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव में अडंगा लगाने से चीन आखिरकार पीछे हट गया। इसके बाद सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति को सर्वसम्मति से मक्की को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करने का रास्ता एकदम स्पष्ट हो गया।