नई दिल्ली। अमेरिका ने छात्र, पर्यटक और एच-1बी वीज़ा शुल्क में 250 डॉलर की सुरक्षा राशि की बढ़ोतरी की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के महत्वाकांक्षी वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट के तहत अमेरिका ने अपनी आव्रजन नीति में बदलाव करते हुए वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क लागू किया है। मुद्रास्फीति के आधार पर यह शुल्क हर साल बदलता रहेगा। वीजा आवेदक अगर कुछ शर्तों को पूरा करते हैं तो यह सिक्योरिटी राशि उन्हें वापस की जा सकती है। यह वीजा एप्लाई करने वालों को अमेरिकी आव्रजन कानूनों का पालन कराने के ट्रम्प प्रशासन का प्रयास माना जा रहा है।
वीजा के लिए यह अनिवार्य शुल्क अगले साल 2026 से प्रभावी होगा। यह किसी भी विदेशी नागरिक द्वारा गैर-आप्रवासी वीज़ा आवेदन पर लागू होगा। इसमें पर्यटक, व्यावसायिक, छात्र, काम से संबंधित (एच-1बी) वीजा शामिल हैं। हालांकि राजनयिक वीज़ा श्रेणियों (ए और जी) को इससे छूट रहेगी। इसके अतिरिक्त बिल में यात्रा संबंधी अन्य शुल्क भी शामिल हैं, जिनमें 24 डॉलर का I-94 शुल्क, यात्रियों के लिए 13 डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फॉर ट्रैवल ऑथराइज़ेशन शुल्क (ESTA) और 10 साल के B-1/B-2 वीज़ा वाले कुछ चीनी नागरिकों के लिए 30 डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा अपडेट सिस्टम शुल्क शामिल है।
किसी भारतीय को फिलहाल अमेरिकी पर्यटक या व्यावसायिक वीज़ा लेने के लिए लगभग 185 डॉलर (15,855 रुपये) खर्च करने पड़ते हैं। नए आव्रजन नियम के अनुसार इसमें 250 डॉलर का इंटीग्रिटी शुल्क, 24 डॉलर का I-94 शुल्क और 13 डॉलर का ESTA शुल्क जोड़कर पर्यटक वीज़ा की लागत लगभग 472 डॉलर यानी कि 40,456 रुपये आएगी। इस तरह से भारतीयों को अमेरिकी वीज़ा के लिए अब पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। वीज़ा सिक्योरिटी मनी वापसी के लिए यदि वीज़ा धारक वीज़ा की समाप्ति अवधि के पांच दिनों के अंदर बिना किसी वीज़ा विस्तार के आवेदन के अमेरिका से वापस प्रस्तान करते हैं या I-94 की समाप्ति तिथि से पहले अपने देश लौटते हैं तो वो धन वापसी के लिए अनुरोध कर सकते हैं। आपको बता दें कि I-94 एक आगमन/प्रस्थान रिकॉर्ड है। अमेरिका में प्रवेश करने वाले गैर-आप्रवासियों को यह अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा द्वारा जारी किया जाता है।