नई दिल्ली। बीते कुछ वर्षों के दौरान भारत और अमेरिका के बीच सम्बन्ध अधिक मैत्रीपूर्ण हुए हैं। लेकिन हाल ही में अमेरिका-भारत सम्बन्ध परिषद ने सांसद रॉबिट “रो” खन्ना से अनुरोध किया है कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत की न्यायिक प्रक्रिया में अनुचित रूप से हस्तक्षेप करने और भारतीय-अमेरिकी समुदाय से माफ़ी मांगने की अपनी मांग को तुरंत वापस ले लें। यूएसआईआरसी ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश और संयुक्त राज्य अमेरिका के एक सहयोगी देश के निर्वाचित नेता के प्रति उनके इस तरह के घोर अनादर के लिए उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है कि वह अगर इस अनुरोध को अनुसरण करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो हम कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के डेमोक्रेटिक सह-अध्यक्ष के रूप में उनके तत्काल प्रतिस्थापन की डिमांड करते हैं।
गौरतलब है कि रो खन्ना ने राहुल गांधी के समर्थन में जो ट्वीट किया था उसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने जिक्र किया कि खन्ना के दिवंगत नाना विद्यालंकार एक गांधीवादी थे और आपातकाल के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समर्थक थे। ट्विटर पर किए गए एक पोस्ट में लिखा गया, ”ऐसा लगता है जैसे रो भूल गए हैं कि उनके नाना अमरनाथ विद्यालंकार, जो कांग्रेस के निष्ठावान सदस्य थे, भारत में आपातकाल के मुश्किल समय के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार का हिस्सा थे। उन्होंने आपातकाल के दौरान भारतीय जनता पर अत्याचारों का विरोध नहीं किया था। वहीं अमेरिकी सांसद अब अमेरिकी सरकार के एक्शन के बाद मुश्किल में नजर आ रहे हैं।