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गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं कर रहा चीन, लोगों को भी दे रहा धमकी

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 15-16 जून की दरमियानी रात हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, इस घटना में चीन के भी 43 जवान हताहत हुए थे। हालांकि, चीन ने हताहत हुए जवानों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था। इस बीच खबर आई है कि चीनी सरकार गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों के अंतिम संस्कार करने से मना कर रही है। इतना ही नहीं चीन की सरकार ने गलवान घाटी में मारे गए चीनी जवानों के परिवारों को कहा कि वे इनका अंतिम संस्कार न करें न ही कोई निजी समारोह आयोजित करें। गौरतलब है कि चीन इससे पहले भी अपनी हरकतों को छिपाने के लिए ऐसे कदम उठा चुका है।

बता दें कि चीन की सरकार ऐसा करके गलवान घाटी में हुई घटना को छिपाना चाहती है। चीन में मौजूद अमेरिकी खुफिया सूत्रों ने यह जानकारी दी है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन की सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों के परिवारों को कहा है कि वो अंतिम संस्कार के पारंपरिक तरीके भूल जाएं।

मंत्रालय ने आगे कहा कि अगर अंतिम संस्कार करना है तो किसी सुनसान इलाके में जाकर करें। अंतिम संस्कार पूरा करने के बाद किसी तरह का समारोह आयोजित न करें। हालांकि, सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण फैलने का डर दिखाकर अंतिम संस्कार करने से मना किया है। बीजिंग में मौजूद सरकार चाहती है कि चीन के लोगों को गलवान घाटी की घटना और उसमें मारे गए चीनी सैनिकों के बारे में कम से कम लोगों को पता चले क्योंकि इससे चीन की करतूत की जानकारी पूरे देश में फैल जाएगी

चीन को डर है कि अगर यह गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों की सूचना चीन के या अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया में फैली तो पूरे देश में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की थू-थू हो जाएगी। इसलिए वो अपने जवानों के अंतिम संस्कार को भी छिपाकर रखना चाहते हैं। हालांकि, चीन के लोगों के बीच गलवान घाटी की खबर तेजी से फैल चुकी है। द गार्जियन ने जून के अंत में एक रिपोर्ट लिखी थी जिसमें बताया था कि भारतीय जवानों की शहादत और उनके अंतिम संस्कार के वीडियो चीन के लोगों के पास सोशल मीडिया से पहुंच रहे हैं।

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