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अब चीन की इस हरकत की वजह से अपने देश में घिर गई नेपाल सरकार, देखिए विपक्ष ने क्या की मांग

नई दिल्ली। भारत के साथ रिश्तों में खटास और चीन के साथ बढ़ते दोस्ताने के बीच नेपाल की पीठ में ड्रैगन ने छूरा घोंपने का काम किया तो वहां के लोगों की अकल ठिकाने आ गई है। भारत के साथ बेटी-रोटी का संबेध रखनेवाले नेपाल को दोस्ती पच नहीं रही थी। भारत का सबसे करीबी पड़ोसी नेपाल पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से भारत विरोध हरकत कर रहा था अब वह किसी से छुपा नहीं है।

वहीं चीन के नेपाल के कई हिस्सों पर कब्जे को लेकर हिमालयी देश में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। नेपाल के विपक्ष ने प्रधानमंत्री खड्ग प्रसाद शर्मा ओली से मांग की है कि वह चीन के द्वारा देश की जमीन कब्जाए जाने के खिलाफ ऐक्ट लेकर आएं। नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष विमलेंद्र निधि ने ट्वीट करते हुए सरकार से इस मामले में दखल देने की मांग की। बता दें कि विमलेंद्र नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी रह चुके हैं।

नेपाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष विमलेंद्र निधि ने ट्वीट करते हुए अपने देश की सरकार से मांग की कि वह चीन की कारस्तानियों पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि सरकार को चीन के द्वारा हिमालय के कुछ हिस्सों और नेपाल के एक गांव पर कब्जे के मामले को देखना चाहिए। उन्होंने चीन की गतिविधियों को आपत्तिजनक बताते हुए सरकार से इस पूरे मामले पर जवाब की मांग की है। बता दें कि चीन की इन कारस्तानियों को लेकर नेपाल में विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं।

भारत के साथ कालापानी सीमा विवाद का मुद्दा उठाने वाले नेपाल के रुई गांव पर चीन ने बीते कुछ सालों से कब्जा करके रखा है। करीब 60 साल तक नेपाल सरकार के अधीन रहने वाले रुई गांव के गोरखा अब चीन के अधीन हो गए हैं। एक तरफ तो केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली नेपाल की सरकार पिछले कुछ समय से लगातार भारत विरोधी कदम उठा रही है, लेकिन उसने चीन की इस हरकत पर अपनी आंखें मूंद ली है। भारत के खिलाफ अक्सर बयानबाजी करने वाली नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी ने भी इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है।

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