News Room Post

चीन उइगर मुस्लिम औरतों के साथ कर रहा जानवर जैसा व्यवहार, गर्भाशय में जबरन लगा रहा डिवाइस

बीजिंग। चीन उइगर मुस्लिम समुदाय के प्रति शोषण और नरसंहार के आरोपों से चीन घिरा हुआ है। उइगर मुस्लिम समुदाय के प्रति चीन का व्यवहार किसी से छुपा नहीं है। चीन ये कदम उइगर समुदाय की पहचान खत्म करने से लेकर उनके शोषण और नरसंहार के लिए उठा रहा है। अब अमेरिका में रहने वाली उइगर लेखक रेयान असत ने चीन में उइगर लोगों पर हो रहे जुल्म को लेकर कुछ बड़े खुलासे किए हैं।

रेयान के मुताबिक चीन न सिर्फ उइगर समुदाय की महिलाओं को जबरदस्ती बांझ बना रहा है बल्कि जनसंख्या पर नजर रखने के लिए उनके गर्भाशय में जबरन लगा रहा डिवाइस भी लगा रहा है। रेयान असत ने द फॉरेन पॉलिसी मैगजीन में एक लेख के जरिए बताया है कि दुनिया की नजरों में आने बाद से चीनी सरकार ने टेक्नोलॉजी के जरिए नरसंहार करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि चीन ने उइगर समुदाय को न सिर्फ कैम्पों में बंद करके रखा है बल्कि उन्हें गंभीर रूप से शारीरिक और मानसिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

इतना ही नहीं, चीन आधुनिक तकनीक के जरिए ये सुनिश्चित करता है है कि उइगर समुदाय में कम से कम बच्चे पैदा हों। इसके अलावा जो बच्चे पैदा हो रहे हैं उन्हें भी अन्य समुदाय में भेज दिया जाता है जिससे वे अपने तौर-तरीको और रहन-सहन से दूर हो जाएं। रेयान ने दावा किया है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में ग्रिड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। इसके जरिए वह उइगरों की जिंदगी के धार्मिक, पारिवारिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समेत हर पहलू पर नजर रख सकता है। इस सिस्टम के तहत शहरों और गावों को करीब 500-500 लोगों के वर्ग में बांटा गया है और हर वर्ग का एक पुलिस स्टेशन है, जिसके जरिए लोगों पर करीब से निगरानी रखी जाती है।

डीएनए सैंपल, उंगलियों के निशान के जरिए रखते हैं नजर

इस लेख में रेयान ने आरोप लगाया है कि चीन उइगर समुदाय के लोगों पर पहचान पत्र, डीएनए सैंपल, उंगलियों के निशान आदि के जरिए कड़ी निगरानी रखता है। इसके अलावा वीडियो सर्विलांस, स्मार्टफोन से हर एक व्यक्ति का डेटा कलेक्ट किया जाता है। रेयान के मुताबिक उनके खुद के बड़े भाई असत उइगर बिजनेसमैन हैं लेकिन चीन की सरकार ने उन्हें घृणा फैलाने के आरोप में 15 साल जेल की सजा सुना दी है। असत का जुर्म सिर्फ इतना था कि वह उइगर लोगों के अधिकारों की बात कर रहे थे।

गर्भाशय में जबरन डिवाइस लगाई जाती है

रेयान ने दावा किया है कि उइगर समुदाय की महिलाओं के लिए साल 2017 में शिनजियांग सरकार ने कैंपेन शुरू किया था। इस कैंपेन के जरिए बर्थ कंट्रोल को सख्ती से लागू किया गया है और महिलाओं के गर्भाशय में जबरन डिवाइस लगा दी गयी है। इस डिवाइस के जरिए महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं और डिवाइस को हटवाना गैरकानूनी करार दे दिया गया है।

Exit mobile version