बीजिंग। एलएसी पर चीन लगातार भारतीय फौज से पिट रहा है। नतीजे में वहां के लोग भारतीयों से दुश्मनी जैसा व्यवहार कर रहे हैं। पिछले साल सितंबर से अब तक चीन में भारतीयों पर हमले के 50 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ ने ये खबर दी है। अखबार के मुताबिक चीन में भारतीय दूतावास के अफसर मान रहे हैं कि डोकलाम विवाद के बाद से चीन में भारतीयों पर हमले की घटनाओं में इजाफा हुआ है। दूतावास ने हमलों के आंकड़ों को भी इकट्ठा करना शुरू किया और इस बारे में रिपोर्ट भी बनाई है। पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि चीन में भारतीयों पर हमले हो रहे हैं।
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक भारतीयों पर हमले की ज्यादातर घटनाएं चीन की राजधानी बीजिंग, आर्थिक राजधानी शंघाई और ग्वांगझू में हुई हैं। इन शहरों में पढ़ने और काम करने वाले भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है। भारतीयों पर हमले की घटनाएं कॉलेज या दफ्तर आने-जाने के वक्त हुई हैं। जवान लोगों से मारपीट की जाती है। मार्केट में भी हमला किया गया है। यहां तक कि मेट्रो ट्रेन में भी विवाद खड़ा कर मारपीट की गई और ट्रेन से बाहर धकेल दिया गया। हालत ये है कि मारपीट की घटनाओं के बाद भी पुलिस या सुरक्षा गार्डों ने भारतीयों की कोई मदद तक नहीं की।
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक बीजिंग में भारतीय दूतावास ने इन हमलों को नस्लीय नहीं माना है। अखबार के मुताबिक भारतीयों ने हमलों के बाद अपने दूतावास को जानकारियां दी। भारतीय दूतावास के अफसरों ने लोगों से इस बारे में बातचीत की है और संपर्क बनाए हुए है। भारतीय दूतावास ने अक्टूबर 2022 में अकेले यात्रा न करने, कम रोशनी वाली जगहों पर न जाने, देर रात क्लब न जाने, धर्म और सियासत पर किसी से बहस न करने और सेफ्टी अलार्म साथ रखने का सुझाव दिया है। साथ ही किसी भी हमले की घटना की जानकारी तुरंत दूतावास को देने के लिए भी कहा है।