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Lindsay Graham Bill Of 500 Percent Tariff: रूस के मददगार देशों पर 500 फीसदी टैरिफ बिल के प्रावधान पर डोनाल्ड ट्रंप नहीं हैं सहमत, लागू होने पर भारत पर पड़ेगा गहरा असर

Lindsay Graham Bill Of 500 Percent Tariff: डोनाल्ड ट्रंप की टीम चाहती है कि बिल की भाषा में बदलाव किया जाए। इससे ट्रंप को रूस से सामान खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने या न लगाने का अधिकार होगा। ट्रंप की टीम चाहती है कि इस मामले में अमेरिका की संसद के पास राष्ट्रपति की इच्छा रोकने का अधिकार न हो। इसकी वजह ये है कि चीन से ट्रंप ने व्यापार समझौता किया है। वहीं, भारत और अमेरिका के बीच भी व्यापार समझौता होने वाला है।

वॉशिंगटन। आजकल अमेरिका के अलावा भारत और चीन में एक बिल की बड़ी चर्चा है। ये बिल अमेरिका में रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम और डेमोक्रेटिक सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने तैयार किया है। बिल की चर्चा इस वजह से हो रही है क्योंकि इसमें लिखा है कि अगर कोई देश रूस से कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस या यूरेनियम खरीदता है, तो अमेरिका में उस देश के उत्पाद पर 500 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। हालांकि, इस बिल को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मंजूरी मिलना मुश्किल लग रहा है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मामले में पूछे गए सवाल पर कहा था कि अमेरिका में भारतीय दूतावास सीनेटर लिंडसे ग्राहम से बातचीत कर रहा है।

रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम और डेमोक्रेटिक सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने बिल तैयार किया है।

ट्रंप अगर पास होने के बाद इस बिल पर दस्तखत करेंगे, तो इससे भारत पर भी बड़ा असर पड़ेगा। इसकी वजह ये है कि यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। बिल के मौजूदा प्रावधान में कहा गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति के पास अधिकार होगा कि वो रूस से सामान खरीदकर उसकी आर्थिक मदद करने वाले देशों पर 180 दिन के लिए टैक्स रोक सकते हैं। हालांकि, दूसरी बार टैक्स को रोकने के लिए उनको अमेरिका की संसद से मंजूरी लेनी होगी। खबरों के मुताबिक ट्रंप तभी इस बिल पर दस्तखत करेंगे, जब उनको प्रावधान लागू करने का पूरा अधिकार मिलेगा। यानी डोनाल्ड ट्रंप चाहें, तो रूस के मददगार देश पर 500 फीसदी टैरिफ लगाए या न लगाएं।

अमेरिका के अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने जून में खबर दी थी कि डोनाल्ड ट्रंप की टीम चाहती है कि बिल की भाषा में बदलाव किया जाए। इससे ट्रंप को रूस से सामान खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने या न लगाने का अधिकार होगा। ट्रंप की टीम चाहती है कि इस मामले में अमेरिका की संसद के पास राष्ट्रपति की इच्छा रोकने का अधिकार न हो। इसकी वजह ये है कि चीन से ट्रंप ने व्यापार समझौता किया है। वहीं, भारत और अमेरिका के बीच भी व्यापार समझौता होने वाला है। ऐसे में अगर रूस की मदद के कारण भारत और चीन के उत्पादों पर अमेरिका में 500 फीसदी टैरिफ लगा, तो इसका उल्टा असर पड़ सकता है। भारत को अमेरिका ने एशिया में अपना रणनीतिक सहयोगी बना रखा है। चीन की चालबाजी से निपटने के लिए भारत पर अमेरिका भरोसा करता है। इस वजह से फिलहाल नहीं लगता कि अमेरिका की संसद से 500 फीसदी टैरिफ वाला बिल पास होगा।

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