खारतूम। मोदी सरकार की कूटनीति एक बार फिर काम आई है। सूडान के हिंसा प्रभावित इलाकों में फंसे कुछ भारतीयों को सऊदी अरब की मदद से बाहर निकाला गया है। सूडान की राजधानी खारतूम समेत तमाम जगह सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच बीते कुछ दिन से संघर्ष चल रहा है। सूडान में करीब 4000 भारतीय हैं। इनको सकुशल बाहर निकालने की हर संभव कोशिश मोदी सरकार कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस संबंध में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य अफसरों से लंबी चर्चा भी की थी। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि सरकार ने अपने यहां के 91 और भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, बुल्गारिया, कुवैत, कतर, यूएई, मिस्र, ट्यूनिशिया, फिलिपींस, कनाडा और बुर्किना फासो के कुल 66 लोगों को सूडान से निकाला है। सभी को सऊदी अरब ले जाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री जयशंकर ने बीते मंगलवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहाल-अल-सऊद से भारत के नागरिकों को सूडान से निकालने में मदद का आग्रह किया था। बताया जा रहा है कि अगले दो दिन में सूडान से और भी भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने की तैयारी है। सूडान की सेना ने भी विदेशी नागरिकों को अपने देश से निकालने की कोशिशों में मदद का एलान किया है। सूडान में ईद की वजह से सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष विराम तय हुआ है। दोनों पक्षों के बीच ये संघर्ष विराम 72 घंटे के लिए है। सूडान की राजधानी खारतूम समेत तमाम एयरपोर्ट्स से इस दौरान फ्लाइट्स रवाना होंगी। जिनको सुरक्षा देने की बात सूडान की सेना ने कही है।
सूडान की सेना एसएएफ का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान और विरोधी अर्धसैनिक बल आरएसएफ का नेतृत्व मोहम्मद हमदान डागालो के पास है। दोनों ही अपने रुख पर अड़े हुए हैं। ऐसे में संघर्ष विराम की 72 घंटे की मोहलत पूरी होने के बाद एक बार फिर सूडान में तगड़ा संघर्ष छिड़ने के पूरे आसार बने हुए हैं। सूडान की सेना ने 2021 में तख्तापलट किया था। तबसे संप्रभुता परिषद के हिसाब से वहां शासन चल रहा है। वहीं, अर्धसैनिक बल फिर से लोकतांत्रिक सरकार लाने की कोशिश कर रहा है। इसी वजह से दोनों पक्षों में जमकर संघर्ष हो रहा है। इस संघर्ष में अमेरिका के एक नागरिक की मौत भी हुई है।