इस्लामाबाद। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के नेता बहुत डरे हुए हैं। उनको लग रहा है कि 26 पर्यटकों की हत्या का बदला लेने के लिए भारत कभी भी हमला कर सकता है। खौफ का ऐसा आलम है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सोमवार शाम 5 बजे पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली का विशेष सत्र बुलाया है। इसमें सिंधु जल समझौता समेत भारत की तरफ से लगाए गए तमाम बंदिशों पर चर्चा होगी। मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार में शहबाज शरीफ की सरकार भारत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश करेगी।
पाकिस्तान की सरकार बौखलाई भी हुई है। शहबाज शरीफ सरकार के नुमाइंदे और पाकिस्तान के नेता भारत को लगातार गीदड़भभकी दे रहे हैं। पाकिस्तान के रूस स्थित राजदूत ने तो परमाणु हमले की धमकी तक भारत को दी है। पाकिस्तान कह रहा है कि अगर सिंधु का पानी भारत ने बंद किया, तो उसे युद्ध का एलान माना जाएगा। पाकिस्तान इसके अलावा दुनियाभर के देशों से गुहार लगा रहा है कि वे भारत पर हमला न करने का दबाव बनाएं। हालांकि, इसका असर पड़ता फिलहाल नहीं दिख रहा है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अब तक जितने भी देशों के नेताओं से बात की है, वे सभी पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में हैं और भारत का साथ देते नजर आ रहे हैं।
पाकिस्तान को सिर्फ अपने पुराने दोस्त चीन, तुर्की, अजरबैजान वगैरा से ही समर्थन मिल सकता है। खबर ये भी है कि पाकिस्तान की सेना के पास गोला-बारूद की भी काफी कमी है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान ने यूक्रेन को काफी गोला-बारूद बेचा और इसकी वजह से भारत के खिलाफ वो सिर्फ बचे गोला-बारूद से 4 दिन ही मैदानी जंग लड़ सकता है। हालांकि, पाकिस्तान की सेना उकसाने वाले कदम उठा रही है। इसी के तहत पाकिस्तान की सेना ने शनिवार को 450 किलोमीटर दूर मार करने वाली अब्दाली बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया। बता दें कि मोदी सरकार के दौर में भारत ने 2016 में पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में एयर स्ट्राइक की थी। पाकिस्तान की सेना दोनों ही बार भारत की सेना और वायुसेना को रोकने में नाकाम रही थी।