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Mocha Cyclone: बांग्लादेश-म्यांमार से बस कुछ दूर है भीषण समुद्री चक्रवात मोका, बड़े नुकसान की आशंका

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ढाका/नेपीटॉव। मोका नाम का भीषण समुद्री चक्रवात तेजी से बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग ने सैटेलाइट तस्वीरों से भविष्यवाणी की है कि मोका चक्रवात बांग्लादेश के कॉक्सबाजार और म्यांमार के रखाइन प्रांत में दोपहर बाद प्रवेश करेगा। इस दौरान 170 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ ही भीषण बारिश हो सकती है। मोका चक्रवात के इस प्रलंयकारी रूप को देखते हुए बांग्लादेश और म्यांमार की सरकारों ने लोगों को प्रभावित होने वाले इलाकों से हटाया है। अब तक दोनों देशों में करीब 4 लाख लोगों को सुरक्षित जगह ले जाया गया है।

मोका चक्रवात ने अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के पास धीरे-धीरे बड़ा रूप लेना शुरू किया था। पहले अनुमान था कि ये भारत के ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कहर बरपाएगा, लेकिन फिर ये उत्तर-पूर्वी दिशा में बांग्लादेश के समुद्रतटीय इलाके और इससे जुड़े म्यांमार की तरफ बढ़ गया। मोका चक्रवात इतना भीषण है कि इसका कुछ हिस्सा सुदूर प्रशांत महासागर तक पहुंचा हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक इससे व्यापक तौर पर नुकसान होने की आशंका है। बंगाल में भी समुद्र से लगे कई इलाकों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। पर्यटकों, स्थानीय लोगों और मछुआरों को अगले 24 घंटे तक समुद्र की तरफ न जाने की चेतावनी दी गई है।

मोका से किसी भी संभावित क्षति को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल के बकखाली में एनडीआरएफ तैनात है।

मोका चक्रवात पर भारत के मौसम विभाग के अलावा संयुक्त राष्ट्र आपदा प्रबंधन की भी नजर है। मोका से होने वाली विनाशलीला के बाद लोगों को राहत पहुंचाने के लिए तैयारियां भी की जा रही हैं। बांग्लादेश में जहां मोका चक्रवात प्रवेश करेगा, वहां बड़ी तादाद में म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों ने शरण भी ले रखी है। उनकी सुरक्षा को लेकर संयुक्त राष्ट्र आपदा प्रबंधन ने चिंता जताई है। बांग्लादेश सरकार ने इन रोहिंग्या को अलग से घिरी हुई जगह पर कैंप बनाकर रखा है। ऐसे में रोहिंग्या कैंप में तूफान बड़ी तबाही मचाकर लोगों को हताहत भी कर सकता है।

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