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Corona Virus: ‘चीन ने कोरोना को बॉयोलॉजिकल हथियार के तौर पर किया इस्तेमाल!’, चीन के रिसर्चर के हवाले से दोस्त का विस्फोटक खुलासा

Coronavirus

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बारे में ये शक जताया जाता है कि चीन के वुहान वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट से ये निकला और दुनियाभर में फैल गया। इसकी वजह ये है कि चीन के वुहान शहर में ही सबसे पहले कोरोना वायरस के मरीज मिले थे। चीन की सरकार ने हमेशा इन आरोपों को गलत बताया और दावा किया कि उसके वुहान या किसी और लैब से कोरोना वायरस बाहर नहीं आए और न ही वहां इन वायरस को लेकर कोई शोध ही चल रहा था। अब शेन शाओ नाम के रिसर्चर के दोस्त ने दावा किया है कि चीन ने कोरोना वायरस को बायोलॉजिकल हथियार बनाया था। इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन की सदस्य जेनिफर जेंग से इंटरव्यू में शेन शाओ के दोस्त ने ये दावा किया।

शेन शाओ के हवाले से उसके दोस्त ने बताया कि नानजिंग में शेन को कोरोना वायरस के 4 स्ट्रेन देकर उनकी मारक क्षमता के परीक्षण के लिए कहा गया था। शाओ ने अपने दोस्त को बताया कि उसने बंदर और चूहों के अलावा और भी प्राणियों में कोरोना वायरस के इन 4 स्ट्रेन की मारक क्षमता की जांच की थी। शेन चाओ के दोस्त ने बताया कि साल 2019 में जब लोग कोरोना वायरस से बीमार पड़ने लगे, तो शेन चाओ ने उसे फोन किया। चाओ ने उससे इन मामलों पर दुख जताया और कहा कि उसने कोरोना को मारक हथियार बनाकर गलत काम किया है। सुनिए चीन के रिसर्चर शेन चाओ के दोस्त ने इंटरव्यू में कितना विस्फोटक खुलासा किया है।

बता दें कि कोरोना महामारी ने साल 2019 के अंत में चीन में दस्तक दी थी। देखते ही देखते ये वायरस दुनिया भर में फैल गया। इसके कई रूप सामने आए। इनमें से डेल्टा रूप ने दुनिया में करीब 5 करोड़ लोगों की जान ली। भारत में भी कोरोना वायरस के डेल्टा स्ट्रेन से हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।

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