बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल और शेख हसीना के इस्तीफे ने न केवल दक्षिण एशियाई क्षेत्र बल्कि वैश्विक राजनीति में भी हलचल मचा दी है। माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम के पीछे अमेरिका और पाकिस्तान का हाथ है। शेख हसीना के इस्तीफे से पाकिस्तान और अमेरिका में खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं, पाकिस्तान में इस समय सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है, जहां लोग पाकिस्तान की तुलना बांग्लादेश से कर रहे हैं। इस तुलना ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को भड़का दिया है।
सोशल मीडिया पर पाक-बांग्लादेश तुलना
पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पाकिस्तान और बांग्लादेश की तुलना करने वाले मीम्स और पोस्ट्स की बाढ़ आ गई है। इस तुलना को लेकर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान की तुलना बांग्लादेश से करना असहनीय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ किसी भी प्रकार की अराजकता को सहन नहीं किया जाएगा।
मुनीर की चेतावनी: ‘अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई’
गुरुवार को, जनरल मुनीर ने मौलवियों और धार्मिक विद्वानों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान में कोई अराजकता फैलाने की कोशिश करेगा, तो उनके सशस्त्र बल इसे विफल करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों और विभाजनकारी सामग्री पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहा है, जो देश की शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक हो सकता है।
बांग्लादेश में शेख हसीना को मिला सेना का अल्टीमेटम
इस बीच, बांग्लादेश में स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। जानकारी के अनुसार, छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। सत्ता में 15 सालों से काबिज शेख हसीना को बांग्लादेशी सेना ने केवल 45 मिनट का अल्टीमेटम दिया था। इस अल्टीमेटम के बाद, शेख हसीना को अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ना पड़ा।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख की मौलवियों से अपील
जनरल असीम मुनीर ने अपने भाषण में मौलवियों और विद्वानों से अपील की कि वे समाज में संयम और सहिष्णुता को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि अतिवाद और भेदभाव को खत्म कर एकता और शांति स्थापित करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार के खिलाफ भी सख्त रुख अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार समाज के लिए जहर है और इसे जड़ से उखाड़ फेंकने की आवश्यकता है। जनरल मुनीर ने उग्रवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों की भी आलोचना की और इसे देश की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा बताया।