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Modi Government: ट्यूनीशिया स्थित भारतीय दूतावास की मेहनत रंग लाई, लीबिया में छुड़ाए गए अगवा 7 भारतीय

Modi Red fort namaste

नई दिल्ली। मोदी सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर काफी सजग रहती है, इसका उदाहरण पिछले 6 सालों में कई बार देखने को मिला है। जब मोदी सरकार में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हुआ करती थीं तो उन्होंने कई बार ट्विटर की मदद से विदेशों में रह रहे भारतीयों की मदद की थी। इसका सिलसिला मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी चल रहा है। बता दें कि लीबिया में अगवा हुए सात भारतीय नागरिकों को रिहा कराने में ट्यूनीशिया में स्थित भारतीय दूतावास सफल हो गया है। दरअसल ट्यूनिशिया में भारत के राजदूत ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि ये सातों नागरिक आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। लीबिया के असवरीफ से गत 14 सितंबर को इन्हें अगवा किया गया था। ट्यूनिशिया में भारतीय राजदूत पुनीत रॉय कुंडल ने भारतीय नागरिकों की रिहाई की खबर समाचार एजेंसी एएनआई से पुष्टि की है।

दरअसल लीबिया में भारदूत का दूतावास नहीं है। ऐसे में ट्यूनीशिया में स्थित भारतीय दूतावास लीबिया में रहने वाले भारतीयों के मामले को देखता है। भारत ने इस बात की जानकारी पिछले गुरुवार को दी कि लीबिया में पिछले महीने उसके सात नागरिक अगवा हुए हैं और वह उनकी रिहाई पर काम कर रहा है। इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि अपहृत भारतीय सुरक्षित हैं और ट्यूनीशिया स्थित भारतीय दूतावास उन्हें रिहा किए जाने के लिए लीबिया सरकार के साथ संपर्क में है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने अपने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘लीबिया में भारतीय नागरिकों के मामलों को देखने वाला ट्यूनीशिया स्थित भारतीय दूतावास ने लीबिया सरकार के अधिकारियों के साथ संपर्क में है। भारतीय नागरिकों की रिहाई में अंतरराष्ट्रीय संगठन भी मदद कर रहे हैं। अगवा करने वालों ने नियोक्ता को संपर्क किया था और भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं इस बताने के लिए उनकी तस्वीरें दिखाई थीं।’

लीबिया में सुरक्षा हालात को देखते हुए सरकार ने सितंबर 2015 में भारतीय नागरिकों के लिए इस देश की यात्रा को लेकर गाइडलाइन जारी किया था। सरकार ने भारतीय नागरिकों से लीबिया की यात्रा करने से बचने की सलाह दी थी। बाद में लीबिया के बिगड़ते सुरक्षा हालात को देखते हुए सरकार ने मई 2016 में इस देश की यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा दी। यह प्रतिबंध अब भी प्रभाव में है।

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